चीन में फिर से लिखा जाएगा कुरान और बाईबल, सरकार अपने हिसाब से देगी इस्लाम की शिक्षा

चीन ने मुस्लिमों के धार्मिक ग्रंथ कुरान और ईसाई समुदाय के धार्मिक ग्रंथ बाईबल को लेकर नया निर्णय लिया है।कम्युनिस्ट पार्टी के एक शीर्ष अधिकारी ने फरमान जारी किया है कि बाइबल और कुरान के नए संस्करणों में कम्युनिस्ट पार्टी की मान्यताओं के खिलाफ जाने वाली कोई भी सामग्री नहीं होनी चाहिए।
 

नई दिल्ली. एक ओर जहां चीन में उईगर मुस्लिमों पर जारी अत्याचार का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, चीन ने मुस्लिमों के धार्मिक ग्रंथ कुरान और ईसाई समुदाय के धार्मिक ग्रंथ बाईबल को लेकर नया निर्णय लिया है। चीन इन दोनों ग्रंथों को अपने हिसाब से फिर से लिखने का निर्णय किया है। इसके पीछे चीन का तर्क यह है कि वह अब अपने 'समाजवादी मूल्यों' की हिफाजत करेगा। जो भी पैराग्राफ गलत समझे जाएंगे उनमें या तो बदलाव किया जाएगा या फिर से उनका अनुवाद किया जाएगा। कुल मिलाकर कहें तो चीन अपने हिसाब से इनकी व्याख्या करेगा।

जारी किया गया है फरमान 

Latest Videos

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कम्युनिस्ट पार्टी के एक शीर्ष अधिकारी ने फरमान जारी किया है कि बाइबल और कुरान के नए संस्करणों में कम्युनिस्ट पार्टी की मान्यताओं के खिलाफ जाने वाली कोई भी सामग्री नहीं होनी चाहिए। अगर किसी पैराग्राफ की व्याख्या गलत समझी जाती है तो उसमें संशोधन या फिर से उसका अनुवाद किया जाएगा। हालाँकि बाइबल और कुरान का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया गया लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी ने 'ऐसे धार्मिक धर्मशास्त्रों के व्यापक मूल्यांकन करने को कहा है जो उन सामग्रियों को लक्षित करते हैं जो समय के बदलाव में फिट नहीं बैठते हैं।

नवंबर महिने में लिया गया था निर्णय 

दरअसल, यह आदेश नवंबर माह में हुई चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेंट कॉन्फ़्रेन्स की राष्ट्रीय समिति की जातीय और धार्मिक मामलों की समिति द्वारा आयोजित एक बैठक के दौरान किया गया था। यह समीति चीन में जातीय और धार्मिक मामलों पर नजर रखती है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, पिछले महीने में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के 16 विशेषज्ञों और विभिन्न धर्मों के प्रतिनिधियों ने एक इस बैठक में भाग लिया था।

धार्मिक प्रणाली बनाने की अपील 

बैठक की अध्यक्षता चीनी जन राजनीतिक परामर्श सम्मेलन के अध्यक्ष वांग यांग ने की। बैठक के दौरान श्री वांग ने धर्म गुरुओं/प्रमुखों को जोर देकर कहा कि उन्हें राष्ट्रपति शी के निर्देशों का पालन करना चाहिए और समाजवाद के मूल्यों और समय की आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न धर्मों की विचारधाराओं की व्याख्या करनी चाहिए। उन्होंने धर्मगुरुओं से 'चीनी विशेषताओं के साथ एक धार्मिक प्रणाली' बनाने का आग्रह किया। सभी ने श्री वांग के निर्देशों से सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि मिशन 'इतिहास का विकल्प' है।

Share this article
click me!

Latest Videos

झांसी ने देश को झकझोरा: अस्पताल में भीषण आग, जिंदा जल गए 10 मासूम
Dehradun Car Accident CCTV Video: हादसे से पहले कैमरे में कैद हुई इनोवा | ONGC Chowk
समाजवादी पार्टी का एक ही सिद्धांत है...सबका साथ और सैफई परिवार का विकास #Shorts
झांसी में चीत्कारः हॉस्पिटल में 10 बच्चों की मौत की वजह माचिस की एक तीली
महाराष्ट्र में हुई गृहमंत्री अमित शाह के बैग और हेलीकॉप्टर की तलाशी #Shorts #amitshah