
नई दिल्ली। ्भारत में बैंकिंग सिस्टम हमेशा बदलता रहता है ताकि ग्राहकों की दिक्कतें कम हों और सुविधाएं बढ़ें। इसी कड़ी में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने करंट अकाउंट, ओवरड्राफ्ट (OD), और कैश क्रेडिट (CC) अकाउंट को लेकर बड़े बदलाव किए हैं। ये बदलाव खास तौर पर UAE में रहने वाले हज़ारों NRIs के लिए बेहद मददगार साबित होंगे, जो विदेश में रहकर भारत में अपना बिज़नेस और वित्तीय जिम्मेदारियां संभालते हैं। कई NRIs लंबे समय से बैंकिंग में देरी, फंड एक्सेस न मिलना और अकाउंट ऑपरेशन की परेशानी झेल रहे थे। अब RBI ने उनके लिए सिस्टम को फ्लेक्सिबल और तेज़ बना दिया है।
सोचिए, आप UAE में बैठे हैं लेकिन भारत में आपका बिज़नेस चल रहा है। पेमेंट देरी से हो, बैंक फंड ट्रांसफर रोक दे या कोई अकाउंट इस्तेमाल न कर पाए-झुंझलाहट होना लाज़मी है। इसी समस्या को समझते हुए RBI ने बैंकिंग के कई सख्त नियम हटा दिए हैं और कुछ नए आसान नियम लागू किए हैं। ये बदलाव सुनने में तो टेक्निकल लगते हैं, लेकिन इनका असर हर NRI की रोज़मर्रा की फाइनेंशियल लाइफ पर सीधा पड़ेगा।
चलिए, आसान भाषा में समझते हैं इसके पांच प्रमुख फायदे:-
पहले नियम बहुत सख्त थे। अगर आपका लोन 10 करोड़ या उससे ज़्यादा है, तो सिर्फ सीमित बैंक ही आपका करंट या OD अकाउंट ऑपरेट कर सकते थे। इससे NRI बिज़नेस को बहुत दिक्कत होती थी। अब RBI ने ये नियम ढीले कर दिए हैं:
UAE NRIs के लिए फायदे:
पहले CC अकाउंट पर कई तरह की पाबंदियाँ थीं। इससे वर्किंग कैपिटल चलाने में दिक्कत होती थी। अब RBI ने CC अकाउंट से सभी पाबंदियां हटा दी हैं। इससे क्या फायदा?
3. पैसे तक पहुंच अब और तेज़-दो-दिन का नियम जारी
कई बैंक चाहते थे कि कलेक्शन अकाउंट से मेन अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करने की समय सीमा बढ़ाई जाए। लेकिन RBI ने साफ कहा है कि कलेक्शन अकाउंट से मेन अकाउंट में पैसा 2 वर्किंग दिनों में पहुंचना ही चाहिए।
पहले यह प्रक्रिया बेहद उलझी हुई थी। अब RBI ने सीधे नियम बनाए:
फायदा?
कई संस्थानों ने छूट मांगी, लेकिन RBI ने मना किया। यह फ्रेमवर्क सबके लिए बराबर रहेगा।
RBI का यह नया फ्रेमवर्क खासकर UAE वाले NRIs के लिए जिंदगी आसान बना देगा। अब बिज़नेस ऑपरेशन, पेमेंट मैनेजमेंट और बैंकिंग कंट्रोल बहुत ज्यादा स्मूथ होगा। यह बदलाव सिर्फ बैंकिंग नहीं बदलते-ये विदेश में रहने वाले भारतीयों को सुरक्षा, सुविधा और भरोसा देते हैं।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।