ईरान में अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला, दोनों देशों के बीच गहराया युद्ध संकट

अमेरिका द्वारा पिछले दिनों ईरान पर किए गए एयरस्ट्राइक के बाद से दोनों देशों में युद्ध की स्थिति बनी हुई है।  ईरान स्थित अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से हमला किया गया है।  हालांकि अभी तक किसी नुकसान की पुष्टि नहीं की गई है।  

बगदाद. अमेरिका द्वारा बग़दाद एअरपोर्ट पर किए गए रॉकेट से हमले के बाद दोनों देशों तनातनी की स्थिति बनी हुई थी।  जिसके बाद अब इराक ने अमेरिकी दूतावास पर रॉकेट से बड़ा हमला किया गया है। जानकारी के मुताबिक इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी दूतावास के भीतर रॉकेट दागे गए, जिसके बाद से अफरा-तफरी मच गई।

कत्यूषा रॉकेट से हमला 

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मीडिया एवं स्थानीय सुरक्षा सूत्रों ने बताया कि बग़दाद के ग्रीन जोन में अमेरिकी दूतावास के भीतर एक रॉकेट फटा। बताया जा रहा है कि बगदाद के ग्रीन जोन में अमेरिकी दूतावास के भीतर कत्यूषा रॉकेट से हमला किया गया है। हालांकि अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि इस हमले में कितने लोग हताहत हुए हैं। 

अमेरिकी सैन्य ठिकानों को बनाया निशाना 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस हमले के बाद बगदाद में आसमान पर अमेरिकी विमान उड़ते दिखाई दिए। सूत्रों के मुताबिक सेंट्रल इराक स्थित बलाद एयरफोर्स बेस पर रॉकेट दागे गए। यह अमेरिका का सैन्य ठिकाना है। इसकी चपेट में अमेरिकी दूतावास भी आया है। यह हमला उस समय सामने आया है, जब इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिका ने ईरान के टॉप कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को एयर स्ट्राइक में मार गिराया है। अमेरिका के इस हमले में कुल 8 लोगों की मौत हुई थी। 

अमेरिकी एयर स्ट्राइक के बाद से ही अमेरिका और ईरान के बीच तनाव गहराया हुआ है। वहीं, अभी तक इस बात की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है कि आखिर अमेरिकी दूतावास पर यह ताजा हमला किसने किया है?

ईरान ने दी थी धमकी 

अमेरिका की इस एयर स्ट्राइक के बाद ईरान ने अपने कमांडर सुलेमानी की मौत का बदला लेने का ऐलान किया था। ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के डिप्टी कमांडर ने कहा था, 'ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी को मार कर वाशिंगटन ने तेहरान को यथोचित जवाब देने की चुनौती दी है।

कई देशों ने किया संयम बरतने का आग्रह

अमेरिका के हमले में ईरानी इस्लामिक रेवोल्युशन गार्ड कॉर्प्स के कोड्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी समेत 8 लोगों की मौत के बाद कई देशों ने सभी से संयम से काम लेने का आग्रह किया था, ताकि इलाके में स्थिति न बिगड़े।

फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने अलग अलग तौर पर रूसी राष्ट्रपति और तुर्की के राष्ट्रपति के साथ फोन पर मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर बात की। तीनों नेताओं ने मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति पर चिंता जताई और विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की। ब्रिटेन के विदेश दूत ने भी विभिन्न पक्षों से अपील की कि सुलेमानी की मौत के बाद मुठभेड़ की स्थिति को सामान्य बनाएं। उन्होंने कहा कि मुठभेड़ हमारे हित के अनुरूप नहीं है। 

इसके अलावा सीरिया के विदेश मंत्रालय ने इराक और ईरान को संवेदना दी और अमेरिका की निंदा की. साथ ही कहा कि इराक की अस्थिरता का कारण अमेरिका है. इसके साथ साथ कतर और लेबनान के विदेश मंत्रालय ने भी वक्तव्य जारी कर विभिन्न पक्षों से संयम से काम लेने की अपील की, ताकि मध्य-पूर्व क्षेत्र की स्थिति न बिगड़े.

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