यूरोप-अमेरिका ने यूक्रेन हमले पर रूस के खिलाफ दिखाया रुख, एशिया और अफ्रीकी देशों की प्रतिक्रिया मिलीजुली

Russia attack in ukraine : अमेरिका और यूरोपीय देशों ने हमले के बाद रूस पर आर्थिक और अन्य तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। लेकिन कई अफ्रीकी और एशियाई देशों का रुख तटस्थ है। यहां तक कि चीन ने भी इस आक्रमण पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। 

इंटरनेशनल डेस्क। पिछले छह दिनों से रूस के यूक्रेन (Russia attack on ukraine) पर हमलों के बीच यूरोप (Europe) और अमेरिकी (America) देशों ने रूस की निंदा की है। यूरोपीय यूनियन (EU), अमेरिका और कई देशों ने रूस पर तमाम प्रतिबंध लगाए, लेकिन एशिया और अफ्रीका की तस्वीर इस मामले में एक जैसी नहीं है। इन देशों का रुख मिलाजुला नजर आया है। 
मीडिया रिपोर्टों के आधार पर जुटाई गई खबरों के मुताबकि सिर्फ जापान, साउथ कोरिया, ताइवान, सिंगापुर, फिलीपींस, ब्रुनेई और इंडोनेशिया ने सोमवार रात तक हमले के खिलाफ आवाज उठाई थी। लेकिन भारत समेत कई एशियाई देश और विकासशील शक्तियां जैसे चीन मौजूदा संकट में अपना रुख तटस्थ रखने का प्रयास कर रहे हैं। 

रूसी रिजर्व का सबसे होल्डर है चीन 
चीन (China)रूस का एक प्रमुख सहयोगी देश है। यह भी अपने फाइनांशियल फ्लो को जारी रखने के लिए रूस के साथ बैंकिंग कर रहा है। फ्रांस, जापान और जर्मनी से ज्यादा रूसी केंद्रीय बैंक रिजर्व का सबसे बड़ा विदेशी होल्डर चीन ही है। दूसरे देशों से उलट चीन ने अब तक यह घोषणा नहीं की है कि वह रूस के सेंट्रल बैंक या किसी अन्य वित्तीय प्रवाह (Financial Flow) को मंजूरी नहीं देगा। तटस्थ रहने की कोशिश कर रहे कई राष्ट्रों की तरह, चीन ने कूटनीति की प्रशंसा की है, लेकिन रूस के कदम को सीधे तौर पर आक्रमण कहने से इनकार किया है। 

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मोदी ने की थी हिंसा रोकने की अपील
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन से हिंसा रोकने की अपील की थी,, लेकिन रूस को एक हमलावर के रूप में नामित नहीं किया। भारत अपने 70 प्रतिशत हथियार रूस से खरीदता है, लेकिन अमेरिका के साथ भी उसके अच्छे संबंध हैं। वह अमेरिका को चीन के विकल्प के रूप में रखना चाहता है। 

इन देशों ने दिखाया समर्थक रुख
एशिया में उत्तर कोरिया, ईरान और म्यांमार ने रूस समर्थक रुख दिखाया है। म्यांमार के सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि रूस अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए काम कर रहा था। ऐसी ही प्रतिक्रिया वेनेजुएला, क्यूबा, ​​​​सीरिया और निकारागुआ के नेताओं द्वारा भी सामने आई। मध्य अमेरिकी देश के राष्ट्रपति जोस डैनियल ओर्टेगा ने भी अलगाववादी क्षेत्रों डोनेट्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र राज्यों के रूप में मान्यता दी है जैसा कि यूक्रेन के आक्रमण से पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किया था।

कई देशों ने साधी चुप्पी
अफ्रीका के कई देश अभी भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हैं। अन्य लोग इस मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र की पहल में शामिल हुए हैं या स्वतंत्र रूप से स्थिति की निंदा की है। कई और लोगों ने केवल कूटनीति और शांति का आह्वान किया है। यूरोप में, तटस्थ रुख रखने वाला एकमात्र देश सर्बिया है, जो आक्रमण के खिलाफ सामने आया है। हालांकि उसने प्रतिबंधों से इनकार कर दिया है। इसके अलावा बेलारूस रूस समर्थक रुख अपना रहा है। 

किन देशों के पास रूस सेंट्रल बैंक का कितना रिजर्व 
रूस     21.7%
चीन     13.8%
फ्रांस    12.2%
जापान    10.0%
जर्मनी    9.5%
यूएस    6.6%
यूएस    4.5%
स्रोत : सेंट्रल बैंक ऑफ रशिया

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