
मॉस्को। रूस (Russia) की मीडिया रेगुलेटरी ने शुक्रवार को इंस्टाग्राम (Instagram) को देश में प्रतिबंधित कर दिया है। रूस में मेटा कंपनी (Meta) के लिए कई आरोप लगे हैं। आरोप है कि कंपनी ने अपने सभी प्लेटफार्म्स पर रूसियों के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने वाले पोस्ट को प्रोत्साहित कर रहा है।
रूस के मीडिया वॉचडॉग रोसकोम्नाडज़ोर ने एक बयान में निर्णय के बारे में बताया कि इंस्टाग्राम सोशल नेटवर्क सैन्य कर्मियों सहित रूसी संघ के नागरिकों के खिलाफ हिंसक कृत्य करने के लिए कॉल वाली सामग्री वितरित करता है।
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4 मार्च को फेसबुक को कर दिया था बैन
कई दिनों तक फेसबुक (Facebook) की रीच को घटाने, चेतावनी देने के बाद बीते 4 मार्च को रूस ने देश में फेसबुक पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। रूस सरकार की सेंसरशिप एजेंसी रोसकोम्नाडजोर (Roskomnadzor) ने फेसबुक पर रूसी मीडिया के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया। द कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के अनुसार रूस सरकार की सेंसरशिप एजेंसी ने फेसबुक पर बैन का ऐलान किया था।
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रूस संसद ने फेक न्यूज के खिलाफ कड़े कानून भी बनाएं
रूस की संसद (Russian Sansad) ने 4 मार्च को फेक न्यूज (fake news) को लेकर कड़े कानून का ऐलान किया था। यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) के दौरान रूसी सेना के खिलाफ फेक न्यूज (fake news against Army) फैलाने से आजिज आकर रूसी संसद ने यह फैसला लिया। संसद में पास इस नए कानून में सेना के खिलाफ जानबूझकर फर्जी खबर फैलाने पर 15 साल तक जेल की सजा का प्राविधान किया गया है। रूसी अधिकारियों का आरोप है कि रूस के दुश्मनों, संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके पश्चिमी यूरोपीय सहयोगियों द्वारा रूसी लोगों के बीच कलह बोने के प्रयास में झूठी सूचना फैलाई जा रही है। रूसी सांसदों ने कहा कि फेक न्यूज रोकने के लिए, ऐसे साजिशकर्ताओं को सजा दिलाने का प्राविधान करने के लिए संसद में कानून पास किया गया। नए कानून के तहत फेक न्यूज फैलाने पर जुर्माना या जेल की सजा हो सकती है। उन्होंने रूस के खिलाफ प्रतिबंधों के लिए सार्वजनिक आह्वान के लिए भी जुर्माना लगाया।
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