Russia Coup: रूस में पहले भी दो बार हो चुकी है तख्तापलट की कोशिश, खूनी खेल में हजारों ने गंवाई थी जान

रूस में तख्तापलट की कोशिश फिलहाल टल गई है लेकिन बड़ी जानकारी यह है कि प्रेसीडेंट ब्लादिमीर ने मॉस्को छोड़ दिया है। रूस में इससे पहले भी दो बार तख्तापलट की कोशिशें हो चुकी हैं।

Russia Coup. रूस की प्राइवेट आर्मी कहे जाने वाले वैगनर ग्रुप की तख्तापलट की कोशिश नाकाम हो चुकी है। वैगनर के चीफ ने बेलारूस के प्रेसीडेंट के साथ समझौता कर लिया है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि प्रेसीडेंट ब्लादिमीर पुतिन के मॉस्को छोड़ने की खबरें आ रही हैं। इस बीच रूस में सभी सरकारी कार्यक्रमों को 1 जुलाई तक स्थगित कर दिया है। यह पहला मामला नहीं है जब रूस में तख्तापलट की कोशिश की गई है, इससे पहले भी रूस में दो बार यह कोशिश हो चुकी है।

1991 में रूस में हुई थी तख्तापलट की कोशिश

Latest Videos

यह वह वक्त था जब सोवियत संघ का पतन हो गया था और रूस 15 छोटे-छोटे गणराज्यों में बंट चुका था। उस वक्त के प्रेसीडेंट मिखाइल गोर्बाचोव ने यूएसएसआर बनाने वाले 15 गणराज्यों को स्वायत्तता देने वाली संधि पर हस्ताक्षर करने से रोकने के लिए विद्रोह हो गाय। तब कम्यूनिस्ट कट्टरपंथियों का यह प्रयास असफल हो गया। जब यह सब चल रहा था तब रूस के राष्ट्रपति क्रीमिया में अपने घर पर हॉलीडे इंजॉय कर रहे हैं। 19 अगस्त को उन्हें सोवियत पुलिस ने बंदी बना लिया और मॉस्को की सड़कों पर सैनिक और टैंक तैनात कर दिए गए।

बोरिस येल्तसिन ने टैंक पर चढ़कर दिया भाषण

मिखाइल गोर्बाचोव की गिरफ्तारी के बाद नव निर्वाचित राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन ने विद्रोह को संभालने का काम किया। उस वक्त हजारों लोग सड़क पर उतर गए थे और दुनिया के बाकी देश रूस के हालात पर नजर बनाए हुए थे। तब बोरिस येल्तसिन ने टैंक पर चढ़कर लोगों को संबोधित किया जिसके बाद वे बड़े नेता बन गए। इसके बाद सोवियत संघ से अलग हुए गणराज्यों ने स्वतंत्रता का ऐलान करना शुरू कर दिया था।

1993 में रूसी विद्रोह- हजारों ने गंवाई जान

1991 के ठीक दो साल के बाद रूस में फिर विद्रोह की आग भड़क उठी और वाम कट्टरपंथियों ने खूनी संघर्ष छेड़ दिया। उनकी डिमांड थी कि राष्ट्रपति पद की कमान एलेक्जेंडर रिस्तकोय को दी जाए। तब विद्रोहियो ने मॉस्को मेयर ऑफिस पर धावा बोलकर कब्जे में ले लिया। टीवी सेंटर बंद कर दिए गए और रूसी पार्लियामेंट के बाहर गोले बरसाए गए। उस वक्त 148 लोगों के मारे जाने की सूचना आई लेकिन दावा किया गया कि हजारों की मौत हुई थी। फिर दिसंबर में प्रेसीडेंट की शक्तियां असीमित करने वाला नया संविधान जनमत संग्रह द्वारा अपना लिया गया।

यह भी पढ़ें

Russia: गिरफ्तारी से बचने के लिए बेलारूस चले जाएंगे वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन, हटा दिए जाएंगे सशस्त्र विद्रोह के आरोप

 

Share this article
click me!

Latest Videos

तो क्या खत्म हुआ एकनाथ शिंदे का युग? फडणवीस सरकार में कैसे घटा पूर्व CM का कद? । Eknath Shinde
ठिकाने आई Bangladesh की अक्ल! यूनुस सरकार ने India के सामने फैलाए हाथ । Narendra Modi
Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
अब एयरपोर्ट पर लें सस्ती चाय और कॉफी का मजा, राघव चड्ढा ने संसद में उठाया था मुद्दा
बांग्लादेश ने भारत पर लगाया सबसे गंभीर आरोप, मोहम्मद यूनुस सरकार ने पार की सभी हदें । Bangladesh