यूक्रेन में रूस ने मचाया महाप्रलय: दक्षिण क्षेत्र के सबसे बड़े बांध नोवा कखोवका को उड़ाया-देखें तबाही का VIDEO

दक्षिण यूक्रेन में स्थित नोवा कखोवका बांध पर रूस का नियंत्रण है। लेकिन बांध के ध्वस्त किए जाने से यूक्रेन में पानी तबाही मचा सकती है।

Ukraine Nova Kakhovka Dam destroyed by Russia: रूस ने यूक्रेन को एक बार फिर खतरे में डाल दिया है। यूक्रेन का आरोप है कि रूसी सेना ने दक्षिण यूक्रेन की सबसे बड़ी बांध को उड़ा दिया है। यूक्रेन ने आरोप लगाया कि दक्षिण क्षेत्र के सबसे बड़े नोवा कखोवका बांध को रूस ने उड़ाकर देश को गंभीर संकट में डाल दिया है। यूक्रेन पर महाप्रलय का खतरा बढ़ता जा रहा है।

बांध रूस के नियंत्रण वाले हिस्से में...

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दक्षिण यूक्रेन में स्थित नोवा कखोवका बांध पर रूस का नियंत्रण है। लेकिन बांध के ध्वस्त किए जाने से यूक्रेन में पानी तबाही मचा सकती है। बांध के टूटने के बाद निप्रो नदी के आसपास के क्षेत्र को खाली कराने का निर्देश जारी किया जा रहा है। बांध टूटने के बाद नीचे वाले इलाके में भीषण बाढ़ आ सकती है। इस तबाही को देखते हुए पहले ही चेतावनी जारी कर दी गई है। निप्रो नदी के दाहिने किनारे पर 10 गांवों के निवासियों और खेरसॉन शहर के लोगों को बिना देर किए अपने घरों को खाली कर किसी सुरक्षित जगह पर जाने का आदेश दिया गया है।

 

 

खेरसान के मेयर ने कहा: बांध को आतंकवादियों ने उड़ाया

दक्षिण यूक्रेन में स्थित नोवा कखोवका बांध, खेरसॉन शहर प्रशासन के नियंत्रण क्षेत्र में आता है। इस क्षेत्र पर रूस का कब्जा है। बीते दिनों रूस ने स शहर में अपना मेयर नियुक्त किया था। खेरसॉन के मेयर ने बताया कि नोवा कखोवका बांध को उड़ाना एक आतंकवादी साजिश का नतीजा है। हालांकि, पिछले साल अक्टूबर में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने नोवा कखोवका बांध के उड़ाने की आशंका जताई थी। उन्होंने इसके लिए रूस को आरोपित किया था।

हाइड्रो-इलेक्ट्रिक तैयार की जाती...

नोवा कखोवका बांध को साल 1956 में तैयार किया गया था। यहां हाइड्रो इलेक्ट्रिक का बड़ा प्रोजेक्ट है। इस बांध में 18 क्यूबिक किलोमीटर पानी है। नोवा कखोवका बांध को यूक्रेन की सबसे बड़ी निप्रो नदी पर बनाया गया है। इस प्रोजेक्ट को बिजली जनरेट करने के लिए ही लगाया गया था। यह प्रोजेक्ट खेरसॉन शहर से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यूक्रेन के दक्षिण में Zaporizhzhia परमाणु ऊर्जा संयंत्र है। न्यूक्लियर रिएक्टरों को ठंडा करने के लिए इसी बांध के पानी का इस्तेमाल किया जाता है। इस पर एक वर्ष से अधिक समय से रूसी सेना का कब्जा है।

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