रूस ने अमेरिका को दिया झटका: भारत को Crude Oil पर 5% Discount देगा

Published : Aug 20, 2025, 08:06 PM ISTUpdated : Aug 20, 2025, 08:27 PM IST
Donald Trump Vladimir Putin photo

सार

Russia-India Oil Deal: अमेरिका के 50% Tariffs और दबाव के बावजूद रूस ने भारत को Crude Oil पर 5% Discount देने का ऐलान किया। जानें कैसे Energy Cooperation दोनों देशों को जोड़ रहा है।

Russia-India Oil Deal: अमेरिका के दबाव और भारी-भरकम प्रतिबंधों के बावजूद रूस ने साफ किया है कि वह भारत को Crude Oil सप्लाई करना जारी रखेगा। रूस के डिप्टी ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव टू इंडिया एवगेनी ग्रिवा ने कहा कि भारतीय कंपनियों को रूसी कच्चे तेल पर लगभग 5% डिस्काउंट मिलेगा। ग्रिवा ने कहा कि यह एक Commercial Secret होता है लेकिन आम तौर पर बातचीत में Plus-Minus 5% छूट मिलती है। मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों के बावजूद भारत को लगभग समान स्तर पर ऑयल इंपोर्ट मिलता रहेगा।

एवगेनी ग्रिवा के साथ मौजूद रूस के डिप्टी चीफ ऑफ मिशन रोमन बाबुश्किन ने कहा कि यह भारत के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति है लेकिन हमें अपने रिश्तों पर भरोसा है। Energy Cooperation किसी भी बाहरी दबाव के बावजूद जारी रहेगा।

अमेरिका का आरोप और Tariffs का असर

व्हाइट हाउस ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने आरोप लगाया था कि भारत रूस का Global Clearinghouse बन गया है जहां Embargoed Crude को High-Value Exports में बदलकर डॉलर में रूस को मदद मिलती है। इसी वजह से अमेरिका ने भारत पर 50% Tariffs लगा दिए जिससे टेक्सटाइल, लेदर, मरीन एक्सपोर्ट सेक्टर को झटका लग सकता है।

भारत ने इस कदम को अनफेयर, अनजस्टिफाइड, अनरिजनेबल बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया। पीएम मोदी ने भी साफ कर दिया कि भारत किसी भी Economic Pressure के आगे झुकेगा नहीं।

अमेरिकी दबाव का मकसद रूस पर Secondary Pressure

अमेरिका की प्रेस सचिव कैरोलाइन लेविट ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर Tariffs इसलिए लगाए ताकि रूस पर Secondary Pressure बनाया जा सके और Ukraine Conflict को खत्म करने की दिशा में मजबूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने इस युद्ध को समाप्त करने के लिए जबरदस्त पब्लिक प्रेशर डाला है। भारत पर प्रतिबंध भी इसी प्रयास का हिस्सा हैं।

भारत-चीन बने टॉप Oil Importer

यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) शुरू होने के बाद से रूस का सबसे बड़ा खरीदार भारत और चीन बने हैं। जबकि अमेरिका लगातार सेकेंड्री प्रतिबंधों की धमकी देता रहा है। इसके पहले वह भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद दूसरी बार तेल खरीदी करने पर 25 प्रतिशत का अतिरिक्त प्रतिबंध के अलावा जुर्माना का ऐलान किया था।

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