मिशन मून में रूस ने भारत के साथ लगाया रेस, 5 दशक बाद लॉन्च किया मून लैंडर

भारत के साथ रेस लगाते हुए रूस ने भी पांच दशक बाद अपने मून मिशन को भेजा है। रूस का अंतरिक्ष यान Luna-25 शुक्रवार को लॉन्च हुआ। यह उसी दिन चंद्रमा पर लैंड करेगा जिस दिन चंद्रयान-तीन की लैंडिंग होने वाली है।

Vivek Kumar | Published : Aug 10, 2023 1:24 AM IST / Updated: Aug 11 2023, 09:24 AM IST

वर्ल्ड डेस्क। भारत जल्द ही चंद्रमा के साउथ पोल पर पहुंचने वाला है। भारत के साथ रेस लगाते हुए रूस ने भी पांच दशक बाद अपना मून मिशन शुरू किया है।

रूस ने शुक्रवार को अपने मून लैंडर Luna-25 अंतरिक्षयान को लॉन्च किया। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 14 जुलाई को चंद्रयान-3 लॉन्च किया था। इसके 28 दिन बाद रूस Luna-25 को लॉन्च करेगा। इसके बाद भी रूस की कोशिश है कि उसका अंतरिक्ष यान उसी दिन चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरे जिस दिन चंद्रयान-3 की लैंडिंग होगी। चंद्रयान-3 की लैंडिंग 23 अगस्त को होने वाली है।

रोस्कोस्मोस ने कहा- चंद्रमा पर सभी के लिए है जगह

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा है कि चंद्रमा तक पहुंचने में उसके लूना-25 अंतरिक्षयान को पांच दिन लगेंगे। इसके बाद वह 5-7 दिन चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगाएगा। इसके बाद वह दक्षिणी ध्रुव के पास चुने गए तीन लैंडिंग स्पॉट में से किसी एक पर लैंड करेगा। चंद्रयान-3 और लूना-25 की लैंडिंग शेड्यूल एक जैसी है। रोस्कोस्मोस ने कहा है कि उसके मून मिशन से भारत के चंद्रयान-3 को कोई परेशानी नहीं होगी। दोनों अंतरिक्षयान अलग-अलग इलाके में लैंड करने वाले हैं। रोस्कोस्मोस ने कहा, "ऐसा कोई खतरा नहीं है कि वे एक-दूसरे के साथ हस्तक्षेप करें या टकराएं। चंद्रमा पर सभी के लिए पर्याप्त जगह है।"

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चंद्रमा पर एक साल तक काम करेगा लूना-25

चंद्रयान-3 की लैंडिंग सफल रही तो इसका रोवर पृथ्वी के 14 दिनों तक प्रयोग करेगा। वहीं, लूना-25 चंद्रमा पर एक साल तक काम करेगा। लूना-25 जमे हुए पानी की जांच के लिए 6 इंच तक की गहराई से चट्टान के नमूने लेगा। रोस्कोस्मोस ने कहा कि लूना-25 लॉन्च के लिए सोयुज रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा। लूना-25 को पहले अक्टूबर 2021 में लॉन्च किया जाना था।

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