
कीव। यूक्रेन के खारकीव में रूस के हमलों के बीच भारतीय छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि बिगड़ते हालातों को देखते हुए हुए तत्काल उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए जितनी जल्दी हो सके खारकीव छोड़ देना चाहिए। इन लोगों को पेसोचिन, बाबाय और बेज़लीउडोव्का (pesochin, babaye and bezlyudovka) जाने की सलाह दी गई है। सभी को खारकीव के समयानुसार शाम छह बजे तक शहर छोड़ने को कहा गया था। खारकीव से पेसोचिन की दूरी 11 किमी, बाबाये की दूरी 12 किमी और बेजलीयुदोव्का की दूरी 16 किमी है। इससे पहले भी एक एडवाइजारी जारी की गई थी, जिसमें कहा गया था कि खारकीव में सभी भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण परामर्श है कि वे अपनी रक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तत्काल खारकीव छोड़ दें और जल्द से जल्द पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचें। उस समय कोई समय नहीं दिया गया था।
खारकीव में लगातार जारी हैं रूसी हमले
इस एडवाइजरी के बाद लोग सोशल मीडिया पर पूछ रहे हैं कि आखिर इतने शॉर्ट नोटिस पर कैसे खारकीव छोड़कर जा सकते हैं। गौरतलब है कि इस शहर में लगातार रूस के हमले हो रहे हैं। रूस ने खारकीव का मुख्यालय और यहां के पुलिस मुख्यालय को हवाई हमले कर उड़ा दिया है। यहां की इंटेलिजेंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के आसपास के लागों को रूसी सैनिकों ने इमारतें खाली करने का आदेश दिया था। ऐसे में भारतीय छात्रों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। इससे पहले रविवार को कीव से भी भारतीयों को तुरंत पश्चिमी यूक्रेन की तरफ जाने की सलाह दी गई थी।
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नागरिकों को वापस लाने के लिए लगे चार मंत्री
भारत के करीब 16 हजार छात्र और नागरिक यूक्रेन में फंसे थे। सरकार ने ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत विशेष उड़ानों के जरिये छात्रों को निकालने का सिलसिला शुरू किया है। अब तक 8 फ्लाइट्स आ चुकी हैं। अगले तीन दिनों में 26 और उड़ानों से छात्रों को निकाला जाना है। चूंकि यूक्रेन ने हमले के बाद अपना एयर स्पेस बंद कर रखा है, इसलिए भारत ने छात्रों को पड़ोसी देश राेमानिया, हंगरी, पोलैंड, माल्डोवा बॉर्डर पर पहुंचने को कहा है। इन सीमाओं पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, हरदीप पुरी, किरन रिजिजू और जनरल वीके सिंह को भेजा गया है ताकि अपने नागरिकों की निकासी में किसी तरह की बाधा नहीं आए। भारत ने अपने नागरिकों को निकालने के लिए रूस से भी बात की है।
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