
वाशिंगटन। रूस ने अगर यूक्रेन (Russia Ukraine Conflict) पर हमला किया तो यह अमेरिका और रूस के बीच टकराव की शक्ल अख्तियार कर सकता है। रूस ने यूक्रेन की सीमा पर एक लाख से अधिक सैनिकों को टैंक, तोप, रॉकेट लॉन्चर और अन्य भारी हथियारों के साथ तैनात किया है। इसके साथ ही रूस ने अपनी नौसेना के 6 युद्धपोत को भूमध्यसागर में भेजा है।
रूस के आक्रामक रुख को देखकर अमेरिका का अंदाजा है कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है। अमेरिका, ब्रिटेन और नाटो (सैन्य संगठन) के अन्य देश यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। अमेरिका और ब्रिटेन ने यूक्रेन को रूसी हमले से निपटने के लिए हथियारों की सप्लाई की है। अब अमेरिका यूक्रेन के पास स्थित नाटो के देशों में अपने सैनिकों को तैनात करने जा रहा है। इसके साथ ही लड़ाकू विमान और युद्धपोत तैनात करने की भी तैयारी है।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी रष्ट्रपति जो बाइडेन जल्द ही उत्तरी यूरोप और बाल्टिक देशों में अपने सहयोगियों के लिए बड़े फैसले करने जा रहे हैं। यहां हजारों अमेरिकी सैनिक किसी भी वक्त भेजे जा सकते हैं। इसके साथ ही लड़ाकू विमान और युद्धपोत तैनात किए जाएंगे।
उत्तरी यूरोप और बाल्टिक देशों को होगा खतरा
रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन यह समझ चुके हैं कि रूस किसी भी वक्त यूक्रेन पर हमला कर सकता है। इससे पूरे उत्तरी यूरोप और बाल्टिक देशों को खतरा पैदा हो जाएगा। इनमें से ज्यादातर अमेरिका के सहयोगी हैं। लिहाजा, बाइडेन हजारों अमेरिकी सैनिकों के अलावा फाइटर जेट्स और वॉरशिप्स इन देशों में तैनात करने का आदेश किसी भी वक्त जारी कर सकते हैं। 1 से 5 हजार अमेरिकी सैनिक इन देशों में किसी भी वक्त भेजे जा सकते हैं।
नाटो ने पूर्वी यूरोप में भेजे युद्धपोत और लड़ाकू विमान
अमेरिका के नेतृत्व वाले नाटो गठबंधन ने कहा है कि उसके सदस्य देश पूर्वी यूरोप की प्रतिरक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए युद्धपोत और लड़ाकू विमान भेजे हैं। डेनमार्क, स्पेन और नीदरलैंड ने भी अपने सैनिकों की तैनाती की है। नाटो के प्रमुख जेंस स्टॉल्टेनबर्ग ने कहा कि नाटो अपने साथियों की रक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा।
ये भी पढ़ें
हूती विद्रोहियों ने सऊदी अरब और UAE पर दागी मिसाइलें, जवाबी कार्रवाई में यमन का लॉन्चिंग पैड नष्ट
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।