सार
यूक्रेन पर मंडरा रहे युद्ध के बादल को देखते हुए अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे यूक्रेन की यात्रा नहीं करें। अमेरिका ने यूक्रेन स्थित दूतावास के कर्मचारियों के परिवारों को यूक्रेन छोड़ने का आदेश दिया है।
वाशिंगटन। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव (Russia Ukraine Conflict) हर रोज बढ़ता जा रहा है। यूक्रेन पर मंडरा रहे युद्ध के बादल को देखते हुए अमेरिका ने अपने नागरिकों से कहा है कि वे यूक्रेन की यात्रा नहीं करें। इसके साथ ही अमेरिका ने यूक्रेन स्थित दूतावास के कर्मचारियों के परिवारों को यूक्रेन छोड़ने का आदेश दिया है।
अमेरिका के विदेश विभाग ने यूक्रेन के दूतावास में काम कर रहे अमेरिकी कर्मचारियों से कहा कि वे देश लौट आएं। इसके साथ ही कर्मचारियों के परिवार के लोगों को भी कीव (यूक्रेन की राजधानी) छोड़ने का आदेश दिया गया है। कहा गया है कि यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा सैन्य कार्रवाई किए जाने का खतरा है।
यूक्रेन से निकल जाएं अमेरिकी नागरिक
अमेरिकी सरकार के विदेश विभाग ने सलाह दिया है कि यूक्रेन में मौजूद अमेरिकी नागरिकों को वाणिज्यिक या अन्य निजी तौर पर उपलब्ध परिवहन के साधनों का इस्तेमाल कर वहां से निकलने पर विचार करना चाहिए। एडवाइजरी में कहा गया है कि रूस यूक्रेन के खिलाफ महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है। यूक्रेन में सुरक्षा की स्थिति विशेष रूप से यूक्रेन की सीमाओं के साथ, रूस के कब्जे वाले क्रीमिया और रूस नियंत्रित पूर्वी यूक्रेन में अप्रत्याशित है। यहां की स्थिति बिगड़ सकती है।
यूक्रेन की यात्रा नहीं करें
विदेश विभाग ने कहा कि यूक्रेन में मौजूद अमेरिकी नागरिकों को पता होना चाहिए कि यूक्रेन में रूसी सैन्य कार्रवाई अमेरिकी दूतावास को गंभीर रूप से प्रभावित करेगी। इससे यूक्रेन छोड़ने में अमेरिकी नागरिकों को सहायता सहित कांसुलर सेवाएं प्रदान करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है। विदेश विभाग ने अमेरिकी नागरिकों से यूक्रेन के साथ सीमा पर तनाव के बीच देश की यात्रा नहीं करने का आग्रह किया है। संपूर्ण यात्रा सलाह में कहा गया है कि रूसी सैन्य कार्रवाई और COVID-19 के बढ़ते खतरों के कारण यूक्रेन की यात्रा नहीं करें।
यह सलाह तब आई है जब अमेरिका के नेतृत्व में कई देशों ने रूस पर आक्रमण की कथित तैयारी के लिए यूक्रेन की सीमा के पास सैनिकों को इकट्ठा करने का आरोप लगाया है। मॉस्को ने कहा है कि यूक्रेन पर हमला करने का उसका कोई इरादा नहीं है। रूस ने इस बात पर जोर दिया गया है कि उसे अपने क्षेत्र में सेना को स्थानांतरित करने का अधिकार है।
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