सार
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि महंगाई के चलते उन्हें रात को नींद नहीं आती। महंगाई के लिए उन्होंने व्यापार घाटा और कोरोना महामारी को जिम्मेदार ठहराया है।
इस्लामाबाद। कर्ज के बोझ तले दबे पाकिस्तान (Pakistan) की आर्थिक स्थिति दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है। इसके साथ ही रोज बढ़ रही महंगाई ने वहां के लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। लोगों का गुस्सा भांपते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को कहना पड़ रहा है कि उन्हें महंगाई के चलते रात को नींद नहीं आती।
इमरान खान ने रविवार को "आप का वजीर-ए-आजम, आप के साथ" नामक एक कार्यक्रम के दौरान आम जनता के एक सवाल के जवाब में कहा कि महंगाई के चलते उन्हें रात में नींद नहीं आती। मुद्रास्फीति को लेकर इमरान खान ने अपनी बेबसी को जाहिर की और काफी हद तक इसके लिए कोरोना को जिम्मेदार ठहराया।
इमरान खान ने कहा कि जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के नेतृत्व वाली सरकार सत्ता में आई, तो उन्हें बड़े पैमाने पर घाटे से निपटना पड़ा, जिससे आयात की कीमत में वृद्धि हुई। कोरोना महामारी की वजह से कई देश आपूर्ति की कमी का सामना कर रहे हैं। अमेरिका ने महामारी के दौरान लोगों के कल्याण के लिए 6,000 बिलियन अमरीकी डालर खर्च किए। पाकिस्तान ने 8 बिलियन अमरीकी डालर खर्च किए।
मीडिया का एक वर्ग फैला रहा मायूसी
इमरान ने कहा कि हमें दोनों देशों की स्थिति की तुलना करनी चाहिए। वर्तमान में ब्रिटेन और कुछ यूरोपीय देश रिकॉर्ड मुद्रास्फीति का सामना कर रहे हैं। इमरान खान ने मुद्रास्फीति को स्वीकार करते हुए कहा कि इसने पाकिस्तानियों को बहुत प्रभावित किया है। इससे सबसे ज्यादा वेतनभोगी वर्ग प्रभावित हुआ है। इमरान ने कहा कि मीडिया का एक वर्ग हर वक्त मायूसी फैला रहा है। महंगाई अभी पूरी दुनिया में है। यह सिर्फ पाकिस्तान की परेशानी नहीं है।
इमरान ने कहा कि दो तरह की महंगाई का हमें सामना करना पड़ रहा है। हमें जब सत्ता मिली उस समय हम जितना सामान दुनिया को निर्यात कर रहे थे और जितना दुनिया से आयात कर रहे थे। उसके बीच इतना अधिक अंतर था कि पाकिस्तान के इतिहास का सबसे बड़ा करंट अकाउंट डेफिसिट हमें मिला। यह करीब 20 अरब डॉलर का था। इसके चलते सारा दवाब रुपए (पाकिस्तानी) पर पड़ा। डॉलर कम हो गए। अंतिम में डॉलर की कीमत ऊपर गई।
हमारे पास डॉलर नहीं थे कि उसे बाजार में डालकर डॉलर की कीमत नीचे रखते। इस बोझ के चलते रुपया गिर गया। जब रुपया गिरता है तब जो भी सामान हम आयात करते हैं वह महंगी हो जाती है। महंगाई की पहली लहर उस समय आई थी। अब कोरोना के वजह से दुनिया में जो सामानों की सप्लाई की कमी हुई उसकी वजह से महंगाई आई हुई है। इससे पाकिस्तान अकेला प्रभावित नहीं है।
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