रूस की सेना यूक्रेन में घुस आई है। इसके चलते यूक्रेन की संसद Verkhovna Rada ने डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों को छोड़कर पूरे देश में आपातकाल की स्थिति घोषित करने को मंजूरी दे दी।
कीव। रूस की सेना यूक्रेन (Russia Ukraine Conflict) में घुस आई है। इसके चलते यूक्रेन (Ukraine) की संसद Verkhovna Rada ने डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों को छोड़कर पूरे देश में आपातकाल की स्थिति घोषित करने को मंजूरी दे दी।
इससे पहले दिन में, एनएसडीसी (राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद) के सचिव ओलेक्सी दानिलोव ने कहा कि उन्होंने डोनेट्स्क और लुहान्स्क के क्षेत्रों को छोड़कर पूरे देश में आपातकाल की स्थिति घोषित करने का फैसला किया है। दानिलोव ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में स्थिति के आधार पर उपायों को कड़ा या नरम किया जाएगा। आपातकाल को 30 दिनों के लिए घोषित करने की योजना है और इसे 60 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।
हथियार खरीदने के लिए बढ़े रक्षा खर्च को मिली मंजूरी
यूक्रेनी संसद ने 2022 के लिए देश के रक्षा बजट को 314 मिलियन डॉलर से बढ़ाकर 1.3 बिलियन डॉलर करने की योजना को मंजूरी दे दी। इस पैसे का इस्तेमाल हथियार खरीद में होगा। इसके साथ ही पहले से मौजूद हथियारों को अपग्रेड किया जाएगा।
बता दें कि यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में स्थिति हाल के दिनों में तेजी से खराब हुई है। स्व-घोषित लुहान्स्क और डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर और एलपीआर) ने यूक्रेनी सेना द्वारा गोलाबारी में वृद्धि की रिपोर्टिंग की है। रूस की सेना लुहान्स्क और डोनेट्स्क में घुस आई है। यूक्रेनी सेना रूस के आक्रमण का जवाब देने की तैयारी कर रही है। सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने डीपीआर और एलपीआर की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले फरमानों पर हस्ताक्षर किए थे।
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यह है विवाद की वजह
रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।
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