रूस-यूक्रेन विवाद: US प्रेसिडेंट ने अमेरिकियों को देश छोड़ने को कहा, पहले ही जता चुके हैं युद्ध की आशंका

यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव(Russia Ukraine Conflict)चरम पर है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन(Joe Biden) ने  युद्ध की आशंका के मद्दनेजर अमेरिकियों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है। बिडेन पहले ही आशंका जता चुके हैं कि रूस फरवरी में यूक्रेन पर हमला कर सकता है।
 

Asianet News Hindi | Published : Feb 8, 2022 5:57 AM IST

वर्ल्ड डेस्क न्यूज. यूक्रेन और रूस के बीच जारी तनाव(Russia Ukraine Conflict) चरम पर है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन(Joe Biden) ने  युद्ध की आशंका के मद्दनेजर अमेरिकियों को यूक्रेन छोड़ने की सलाह दी है। बिडेन पहले ही आशंका जता चुके हैं कि रूस फरवरी में यूक्रेन पर हमला कर सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने व्हाइट हाउस में जर्मनी (Germany) के चांसलर ओलाफ शोल्ज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में  यह अपील की। इस दौरान दोनों देशों ने यूक्रेन संबंधी संकट को लेकर विचार-विमर्श किया। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन में कार्यरत अपने गैर जरूरी कर्मियों को वहां से तत्काल लौटने के लिए अनुमति दे दी है। साथ ही राजनयिकों के परिवार के सभी सदस्यों से भी लौट आने की अपील की है।

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बाइडेन की चेतावनी, रूस ने हमला किया तो नहीं बनने देंगे नॉर्ड स्ट्रीम 2
इससे पहले बाइडेन रूस को चेतावनी दे चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर आक्रमण किया तो वह रूस की महत्वाकांक्षी गैस पाइप लाइन परियोजना नॉर्ड स्ट्रीम 2 को नहीं बनने देंगे। नॉर्ड स्ट्रीम 2 पर एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा कि अगर रूसी टैंक और सैनिकों ने यूक्रेन की सीमा पार की तो परियोजना के आगे बढ़ने की कोई संभावना नहीं होगी।

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रूस अपना अलग तर्क दे रहा है
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने रूस की यात्रा की। मैक्रों और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) के बीच सोमवार को वार्ता हुई। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुतिन ने कहा कि नाटो के देश यूक्रेन को अत्याधुनिक हथियार दे रहे हैं। यूक्रेन की सेना के आधुनिकीकरण के लिए महत्वपूर्ण आर्थिक स्रोत मुहैया कराया जा रहा है। इसके साथ ही वे यूक्रेन के सैनिकों के प्रशिक्षण के लिए सैन्य विशेषज्ञ और प्रशिक्षक भेज रहे हैं। पुतिन ने कहा कि इस संबंध में फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ बात हुई है। हमने सभी मुद्दों पर बात की है। जैसा की आप देख सकते हैं। लंबे समय बाद करीब छह घंटे की वार्ता हुई है। कीव (यूक्रेन की राजधानी) ने डॉनबास संकट के शांतिपूर्ण समाधान की सभी संभावनाओं की अनदेखी की है। 

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यह है विवाद की मुख्य वजह
रूस यूक्रेन की नाटो की सदस्यता का विरोध कर रहा है। लेकिन यूक्रेन की समस्या है कि उसे या तो अमेरिका के साथ होना पड़ेगा या फिर सोवियत संघ जैसे पुराने दौर में लौटना होगा। दोनों सेनाओं के बीच 20-45 किमी की दूरी है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन पहले ही रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया, तो नतीजे गंभीर होंगे। दूसरी तरफ यूक्रेन भी झुकने को तैयार नहीं था। उसके सैनिकों को नाटो की सेनाएं ट्रेनिंग दे रही हैं। अमेरिका को डर है कि अगर रूस से यूक्रेन पर कब्जा कर लिया, तो वो उत्तरी यूरोप की महाशक्ति बनकर उभर आएगा। इससे चीन को शह मिलेगी। यानी वो ताइवान पर कब्जा कर लेगा।

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