बम गिरने से पहले जैसे भगवान ने दिया हो संकेत, बच गई मां-बच्चों की जान, यह चमत्कार हुआ था

अगर जिंदगी मेहरबान हो, तो मौत भी रास्ता बदल लेती है। तस्वीर में दिखाई दे रही इस युवा मां और उसके बच्चों के साथ भी ऐसा ही हुआ। 16 मार्च को मारियुपोल के थियेटर हुई एयर स्ट्राइक के बावजूद ये लोग जिंदा बच गए, मानों उन्हें खतरे के संकेत मिल चुके थे। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ा युद्ध (Russia Ukraine War) 18 अप्रैल को 54वें दिन में प्रवेश कर गया। 
 

वर्ल्ड न्यूज. मौत सबको आनी है, लेकिन जिसकी जितनी जिंदगी लिखी है, उसे मौत भी नहीं मिटा सकती। 16 मार्च को मारियुपोल के थियेटर हुई एयर स्ट्राइक के बावजूद तस्वीर में दिखाई दे रही युवा मां और उसके बच्चे जिंदा बच गए, मानों उन्हें खतरे के संकेत मिल चुके थे। बता दें कि रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ा युद्ध (Russia Ukraine War) 18 अप्रैल को 54वें दिन में प्रवेश कर गया।  इस बीच यूएन ऑफिस फॉर द कॉर्डिनेशन ऑफ ह्यूमैनिटेरियन अफेयर्स के मुताबिक, हर दिन 30 हजार से ज्यादा लोग अपने देश यूक्रेन लौट रहे हैं। अभी ये लोग पश्चिम यूक्रेन और पड़ोसी देशों में रह रहे थे।

कुछ समय पहले ही हमले वाली जगह छोड़ी थी
यह तस्वीर 24 साल की विक्टोरिया डबोवित्स्काया(Viktoria Dubovitskaya) और उसके दो बच्चो की है, जो पिछले दिनों मारियुपोल ड्रामा थिएटर पर हुई रूसी बमबारी के बावजूद जिंदा बच गए। सैकड़ों मारियुपोल निवासियों के साथ विक्टोरिया का परिवार ने थिएटर के मुख्य मंच के पास छुपा हुआ था। लेकिन यह संयोग्य था कि 16 मार्च को उसकी दो साल की बेटी अनास्तासिया बीमार हो गई और परिवार को लोगों की सलाह पर दूसरी मंजिल पर जाना पड़ा। उसी दिन रूसियों ने थिएटर पर एक विशाल बम गिराया। मंच क्षेत्र विस्फोट का केंद्र था। पूरी इमारत दुर्घटनाग्रस्त हो गई और सैकड़ों लोग मारे गए। लेकिन विक्टोरिया और उसके बच्चे बच गए।

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600 से अधिक लोग छुपे हुए थे
मारियुपोल ड्रामा थिएटर पर रूस की 16 मार्च की स्ट्राइक में मरने वालों की सही संख्या अभी तक अज्ञात है। ह्यूमन राइट्स वॉच(Human Rights Watch) के अनुसार, थिएटर में  600 से अधिक लोगों छुपे हुए थे। इनमें अधिकांश महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग थे। रूसियों की बमबारी को रोकने चेतावनी स्वरूप इमारत के दोनों किनारों पर "बच्चों" शब्द रूसी में लिखा गया था। बावजूद बमबारी की गई। यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, रूसी सेना ने कम से कम 3,000 मारियुपोल निवासियों को मार डाला। हमले में मारियुपोल में सभी इमारतें 90% क्षतिग्रस्त हो गई हैं। स्थानीय अधिकारियों ने हालांकि कहा कि मारियुपोल में कम से कम 22,000 नागरिक मारे गए हैं।

10 टैंकों सहित कई सैन्य सामग्री नष्ट करने का दावा
यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि उसने पिछले 24 घंटों में डोनबास में रूस के 10 टैंकों को नष्ट कर दिया। संयुक्त बलों के ऑपरेशन ने 17 अप्रैल को कहा, यूक्रेनी सैनिकों ने 5 तोपखाने के टुकड़े, 15 बख्तरबंद वाहनों और दो हेलीकॉप्टरों को भी नष्ट कर दिया है। बारह रूसी हमलों को विफल कर दिया गया।

मारियुपोल से 150 बच्चों को हटाया
रूसी सेना पर मारियुपोल से लगभग 150 बच्चों को जबरन दूसरे शहर शिफ्ट करने का इल्जाम लगा है। क्रीमियन ह्यूमन राइट्स ग्रुप(Crimean Human Rights Group ) ने 17 अप्रैल को मारियुपोल के मेयर पेट्रो एंड्रीशचेंको के एक सलाहकार का हवाला देते हुए बताया कि कई बच्चों को अस्पतालों से ले जाया गया था और वे अनाथ नहीं थे। कथित तौर पर बच्चों को अस्थायी रूप से कब्जे वाले डोनेट्स्क और रूसी शहर तगानरोग की दिशा में स्थानांतरित कर दिया गया है।

मारियुपोल अभी तक नहींं जीत पाया
यूक्रेन के प्रधान मंत्री डेनिस शमीहाल(Denys Shmyhal) ने 17 अप्रैल को ABC को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि रूस की मांग के बावजूद कि यूक्रेन के लोगों ने आत्मसमर्पण नहीं किया है, रूसी सेना से घिरा शहर मारियुपोल अभी तक टिका हुआ है। श्यामल ने कहा कि यूक्रेन की सेना अंत तक लड़ेगी।

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