रूस-यूक्रेन युद्ध: UNSC की मीटिंग में भारत ने नहीं की रूस के खिलाफ वोटिंग, भारतीय नागरिकों को निकालने पर जोर

रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia Ukraine War) का 1 मार्च को छठवां दिन है। रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव (Kyiv) पर कब्जा करने लगातार बमबारी कर रही है। वहीं, खार्किव में भी भीषण युद्ध जारी है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Counci-UNSC) में इस संकट को लेकर फिर चर्चा हुई। इसमें 29 देशों से डिबेट के पक्ष में वोटिंग की, जबकि भारत ने वोटिंग में भाग नहीं लिया।

Asianet News Hindi | Published : Mar 1, 2022 1:50 AM IST / Updated: Mar 01 2022, 07:45 AM IST

वर्ल्ड न्यूज डेस्क.रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध(Russia Ukraine War) का 1 मार्च को छठवां दिन है। रूस की सेना यूक्रेन की राजधानी कीव(Kyiv) पर कब्जा करने लगातार बमबारी कर रही है। वहीं खार्किव भी भीषण युद्ध जारी है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद(United Nations Security Counci-UNSC) में इस संकट को लेकर फिर चर्चा हु हुई। इसमें 29 देशों से डिबेट के पक्ष में वोटिंग की, जबकि भारत ने वोटिंग में भाग नहीं लिया। 5 देश के इसके खिलाफ रहे और 13 सदस्य तटस्थ रहे।  बता दें कि 24 फरवरी को भारतीय समयानुसार सुबह 8.30 बजे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन(Russian President Vladimir Putin) ने यूक्रेन पर सैन्य कार्रवाई का ऐलान किया था। इसके बाद रूस की सेना ने यूक्रेन पर हवाई हमले शुरू कर दिए। 

अमेरिका ने 12 रूसी UN डिप्लोमेट को निकाला
युद्ध के बीच अमेरिका ने अपने यहां से 12 रूसी UN डिप्लोमेट को निकाल दिया है। इसके पीछे सुरक्षा कारण बताया गया है। वहीं, एस्टोनिया के पूर्व रक्षा मंत्री रिहो टेरास ने कहा कि रूस को यूक्रेन पर जल्द कब्जे की गलतफहमी थी। युद्ध 5 दिन और चला तो रूस कंगाली कगार हो जाएगा। यानी पुतिन को समझौता वार्ता के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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भारतीय लोगों की निकासी पर जोर
UNGA(United Nations General Assembly) के 11वें इमरजेंसी सत्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएन तिरुमूर्ति(TN Tirumurti, Permanent Representative of India to the UN) ने कहा-भारत यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की तत्काल निकासी के प्रयास करने के लिए जो कुछ भी कर सकता है वह कर रहा है... इस महत्वपूर्ण मानवीय आवश्यकता को तुरंत संबोधित किया जाना चाहिए। तिरुमूर्ति ने कहा-मैं यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने हमारे नागरिकों के लिए अपनी सीमाएं खोली और कर्मियों को सुविधाएं दी। हम अपने पड़ोसी और विकासशील देशों के फंसे लोगों की मदद के लिए तैयार हैं। विवादों का शांतिपूर्ण समाधान भारत की सतत स्थिति रही है। भारत सरकार का मानना है कि कूटनीति के रास्ते पर लौटने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

बातचीत बेनतीजा रही
युद्ध टालने की दिशा में दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच सोमवार को यूक्रेन बेलारूस सीमा पर बातचीत हुई। करीब 3:30 घंटे चली यह बैठक बिना किसी नतीजे पर पहुंचे ही खत्म हो गई है। यूक्रेन ने मांग की है कि क्रीमिया और डोनबास समेत पूरे यूक्रेन से रूसी सेना को हटाया जाए। इस संबंध में बेलारूस के विदेश मंत्रायल ने ट्वीट कर कहा है कि राष्ट्रपति लुकाशेंको को पूरी उम्मीद है कि आज की बातचीत के दौरान महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान खोजना संभव होगा। सभी बेलारूसवासी इसके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।

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