
मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine War) जारी है। रूस के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य संगठन NATO (North Atlantic Treaty Organization) के सदस्य देश एकजुट हो रहे हैं। रूस की सीमा के पास नाटो ने अपने हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है। इस बीच नाटो को चेतावनी देने के लिए रूस ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम एस-400 (S-400) के साथ युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है। यह अभ्यास यूक्रेन से 4 हजार किलोमीटर दूर साइबेरियाई क्षेत्र में हो रहा है।
रूस ने अपनी शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली S-400 के नए प्रशिक्षण अभ्यास शुरू कर दिए हैं। S-400 ट्रायम्फ एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम के सैनिकों ने नोवोसिबिर्स्क क्षेत्र में अभ्यास के ढांचे के भीतर एक नकली दुश्मन का पता लगाने और उसे नष्ट करने के लिए युद्ध प्रशिक्षण कार्यों का अभ्यास करना शुरू कर दिया है। समाचार एजेंसी NEXTA ने यह जानकारी दी है। दक्षिणी रूस के साइबेरियाई क्षेत्र नोवोसिबिर्स्क में यह अभ्यास चल रहा है। अभ्यासों को रूस के मजबूत संदेश और नाटो देशों के सामने आक्रामक रुख के रूप में देखा जा रहा है। नाटो ने यूक्रेन को अपना समर्थन दिया है, लेकिन रूस के खिलाफ अभी तक अपनी सेना नहीं भेजी है।
क्या है S-400?
S-400 एक मोबाइल, लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली है। इसे दुनिया में सबसे घातक माना जाता है। यह 400 किमी की सीमा तक कई लक्ष्यों को मार सकता है। इसके मिसाइल लड़ाकू विमान, बमवर्षक विमान, क्रूज व बैलिस्टिक मिसाइल, ड्रोन और हेलिकॉप्टर जैसे हवाई टारगेट को नष्ट कर देते हैं। मिसाइल प्रणाली अपने लंबी दूरी के निगरानी रडार के चलते सभी हवाई खतरों का पता लगा सकती है। यह बड़े शहरों में वायु रक्षा कवच प्रदान कर सकती है।
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S-400 सिस्टम से चार अलग-अलग प्रकार की मिसाइलें फायर की जा सकती हैं। इसका रडार 600 किमी तक 160 हवाई टारगेट को ट्रैक कर सकता है। यह 400 किमी तक के 72 लक्ष्यों को एक साथ मार सकता है। रूस 2007 से इसका इस्तेमाल कर रहा है। इसमें 40 किलोमीटर तक मार करने वाले कम दूरी के मिसाइल, 120 किलोमीटर तक मार करने वाले मध्यम दूरी के मिसाइल, 180 किलोमीटर तक मार करने वाले लंबी दूरी के मिसाइल और 400 किलोमीटर तक मार करने वाले अधिक लंबी दूरी के अलग-अलग मिसाइलों का इस्तेमाल होता है।
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S-400 मिसाइल प्रणाली S-300 और S-200 ट्रायम्फ का उन्नत संस्करण है। रूस ने चीन, तुर्की और भारत को यह शक्तिशाली हथियार प्रणाली दी है। इसका अगला संस्करण S-500, 600 किमी दूर तक बैलिस्टिक मिसाइलों को निशाना बनाने में सक्षम होगा। भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों की धमकियों के बावजूद रूस से एस-400 प्रणाली खरीदी है। पहली यूनिट की डिलीवरी पहले ही हो चुकी है और सिस्टम को पंजाब सेक्टर में पश्चिमी मोर्चे पर तैनात किया गया है।
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