रूसी लड़ाकू विमान ने यूक्रेन (Russia Ukraine War) के मारियुपोल में एक थियेटर पर बम गिराया था। इस थियेटर में करीब एक हजार लोग शरण लिए हुए थे। धमाके में जिंदा बची एक महिला ने आपबीती सुनाई।
कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जंग (Russia Ukraine War) जारी है। रूसी सेना द्वारा किए गए हमले के चलते यूक्रेन तबाह हो गया है। 16 मार्च को रूस ने यूक्रेन के मारियुपोल के एक थियेटर पर बम गिराया था। इस थियेटर में करीब एक हजार लोगों ने शरण ली थी। धमाके में बड़ी संख्या में लोग मारे गए और कई गंभीर रूप से घायल हो गए। 27 वर्षीय शिक्षिका मारिया रोडियोनोवा ने भी उसी थियेटर में शरण लिया था। यूक्रेन के रेड क्रॉस में स्वेच्छा से काम कर रही मारिया जिंदा बची गईं। उन्होंने मीडिया से आपबीती साझा की।
मारिया ने कहा कि सारी सुबह रूसी विमान शहर के ऊपर आसमान में चक्कर लगाते रहे। मैं 10 दिनों से थिएटर में रह रही थी। अपने दो कुत्तों के साथ नौवीं मंजिल के अपार्टमेंट से भाग गई थी। मैंने मंच के बगल में इमारत के पीछे एक सभागार में डेरा डाला था। उस सुबह मैं अपने कुत्तों को खिलाने के लिए मछली के कुछ टुकड़े ले आई थी। बाद में मुझे एहसास हुआ कि उन्होंने पानी नहीं पिया है तो लगभग 10:00 बजे कुत्तों को अपने सामान से बांध दिया और मुख्य प्रवेश द्वार की ओर गई। वहां गर्म पानी के लिए कतार लग रही थी। इसी दौरान बम गिर गया।
बम गिरते ही जोर से गड़गड़ाहट की आवाज आई। शीशे टूटने की आवाज आई। एक आदमी पीछे से आया और अपने शरीर से मेरी रक्षा करते हुए दीवार पर धकेल दिया। धमाका इतना तेज था कि मुझे अपने एक कान में तेज दर्द महसूस हुआ। मुझे लगा कि कान का परदा फट गया, लेकिन ऐसा नहीं था। मैं लोगों की चीखें सुन सकती थी। चीख-पुकार हर जगह थी। धमाके की ताकत ने एक आदमी को खिड़की के बाहर फेंक दिया था। वह जमीन पर पड़ा हुआ था, उसका चेहरा टूटे शीशे से ढका हुआ था। एक महिला जिसके सिर पर भी घाव था उसने उसकी मदद करने की कोशिश की।
पांच साल का बच्चा चीखा- मैं मरना नहीं चाहता
मारिया ने उस महिला से कहा कि रुको, उसे मत छुओ। मैं अपनी प्राथमिक चिकित्सा किट लाऊंगी और तुम दोनों की मदद करूंगी। लेकिन तभी उसे याद आया कि उनका किट थिएटर के अंदर था और बिल्डिंग का वह हिस्सा गिर चुका था। किट मलबे में था। उसके लिए अंदर जाना असंभव था। वह दो घंटे तक कुछ नहीं कर सकी। मारिया ने कहा कि मैं बस वहीं रुक गई थी। मैं सदमे में थी।
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मारिया ने बताया कि 27 साल का ताला बनाने वाला युवक व्लादिस्लाव भी उस सुबह इमारत में भटक गया था। वहां उसके कुछ दोस्त थे। वे उसे खोज रहे थे। जब धमाका हुआ तो वह मुख्य द्वार के पास था। वह दूसरों के साथ एक तहखाने में भाग गया था। धमाके के चलते उस भवन में आग लग गई थी। हर तरफ अफरा-तफरी थी। भयानक चीजें हो रही थीं। बहुत से लोगों का खून बह रहा है। एक मां अपने बच्चों को मलबे के नीचे खोजने की कोशिश कर रही थी। एक पांच साल का बच्चा चिल्ला रहा था 'मैं मरना नहीं चाहता'। यह दिल दहला देने वाला था।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह संभव है कि थिएटर पर केवल एक बम गिराया गया होगा। संभव है कि बम लेजर गाइडेड था। रूसी वायु सेना ने जमीन पर हमला करने के लिए संभवतः केएबी -500 एल या इसी तरह के संस्करण के बम का इस्तेमाल किया था। विस्फोट की प्रकृति से पता चलता है कि बम में तात्कालिक फ्यूज लगा था, इसलिए यह जमीन के अंदर घुसने में असमर्थ था। जिस सटीकता से बम गिरा, उससे अनुमान लगाया जाता है कि थिएटर को हमले के लक्ष्य के रूप में चुना गया था। हमले के कुछ दिनों पहले अमेरिकी कंपनी मैक्सार द्वारा जारी सैटेलाइट इमेजरी से पता चलता है कि रूसी में "चिल्ड्रन" शब्द थिएटर के सामने लॉन पर स्पष्ट रूप से लिखा गया था, जिसे आसमान से गुजरने वाले बमवर्षक विमान से देखा जा सकता था।