ये युद्ध का युग नहीं है:मोदी की इस बात की दुनियाभर में तारीफ के बाद पुतिन भी नरम पड़े-नहीं करेंगे परमाणु हमला

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को में वल्दाई डिस्कशन क्लब की 19वीं वार्षिक बैठक में भारत-रूस संबंधों का खुलकर जिक्र किया। उन्होंने नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए उन्हें देशभक्त कहा। पुतिन ने स्पष्ट किया कि वे यूक्रेन पर परमाणु हमला नहीं करेंगे।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 28, 2022 1:24 AM IST / Updated: Oct 28 2022, 07:10 AM IST

मॉस्को.फरवरी से रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में रोज नए घटनाक्रम होते आए हैं। पिछले दिनों रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दे डाली थी कि जरूरत पड़ने पर वो यूक्रेन पर परमाणु हमला भी कर सकते हैं, लेकिन भारत की लगातार इस दिशा में कोशिशें रंग लाई हैं। पुतिन ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की तारीफ करते हुए स्प्ष्ट कहा कि वे यूक्रेन पर परमाणु हमला नहीं करेंगे। पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देशभक्त कहते हुए ये बात कही। पढ़िए पूरी बात...

सारी दुनिया ने माना मोदी के विजन का लोहा
नरेंद्र मोदी की गिनती आज दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में होती है। गुरुवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने मोदी की दिल खोलकर तारीफ की। उन्होंने भारत और रूस के पुराने और मजबूत संबंधों का भी जिक्र किया। पुतिन मॉस्को में वल्दाई डिस्कशन क्लब की 19वीं वार्षिक बैठक में बोल रहे थे। पुतिन ने भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी उन लोगों में से एक हैं, जो स्वतंत्र विदेश नीति को लागू करने में सक्षम हैं। वे एक सच्चे देशभक्त हैं। वे अपने लोगों के हितों की रक्षा करना अच्छे से जानते हैं। पुतिन ने कहा कि मोदी आइस ब्रेकर की तरह हैं। पुतिन ने जिक्र किया कि कई देशों और लोगों ने भारत कई तरह के बैन लगाने का प्रयास किया, लेकिन मोदी ने सबकी कोशिशें नाकाम कर दीं। पुतिन ने भारत के विकास को लेकर कहा कि उसने जबरदस्त सफलता हासिल की है। पुतिन ने साफ कहा कि भारत का ग्रेट फ़्यूचर है।

भारत और रूस संबंधों पर पुतिन ने कहा
पुतिन ने भारत के साथ रूस के संबंधों का भी खुलकर जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच दशकों से विकसित और विशेष संबंध हैं। दोनों देशों के बीच कोई विवाद नहीं है। भारत ने ब्रिटेन के उपनिवेश से आधुनिक देश बनने तक जबरदस्त तरक्की की है। पुतिन ने मेक इन इंडिया के विजन को लेकर कहा कि मोदी का यह विचार आर्थिक और नैतिक दोनों रूप से बड़े मायने रखता है। भविष्य भारत का है। भारत को सबसे बड़ा लोकतंत्र होने पर गर्व हो सकता है। पुतिन ने दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों पर कहा कि मोदी ने उनसे भारत को उर्वरकों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कहा था। इसमें 7.6 गुना वृद्धि हो गई है। वहीं, कृषि में व्यापार भी लगभग दोगुना हो गया है।

जयशंकर 8 नवंबर को मास्को में रहेंगे
विदेश मंत्री एस जयशंकर(External Affairs Minister S Jaishankar) 8 नवंबर को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव(Sergey Lavrov ) के साथ बातचीत करने के लिए मास्को जाएंगे। यूक्रेन संघर्ष को लेकर रूस और पश्चिम के बीच बढ़े तनाव के बीच यह घोषणा की गई है। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा, "रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव 8 नवंबर को मॉस्को में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ बातचीत करेंगे।"

उन्होंने कहा, "मंत्री द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति और अंतरराष्ट्रीय एजेंडे पर चर्चा करेंगे।" हालांकि विदेश मंत्रालय (MEA) ने अभी तक इस यात्रा पर कोई घोषणा नहीं की है। कहा जा रहा है कि इस बातचीत में ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हो सकती है। बता दें कि पश्चिमी शक्तियों की बैचेनी और दवाब के बावजूद पिछले कुछ महीनों में भारत ने रूस से रियायती कच्चे तेल के आयात में वृद्धि की है। फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से जयशंकर और लावरोव चार बार मिल चुके हैं।

रूसी विदेश मंत्री ने अप्रैल में भारत का दौरा किया, इस दौरान उन्होंने जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत की और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पिछले साल दिसंबर में भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत आए थे। दोनों देशों के पास एक सिस्टम है, जिसके तहत भारत के प्रधान मंत्री और रूसी राष्ट्रपति संबंधों के संपूर्ण पहलुओं की समीक्षा के लिए सालाना एक शिखर बैठक आयोजित करते हैं। इस साल के शिखर सम्मेलन के लिए रूस की यात्रा करने की मोदी की बारी है। हालांकि, इस साल शिखर सम्मेलन पर अभी तक कोई स्पष्टता नहीं है।

रक्षामंत्री ने परमाणु हमला न करने की बात कही थी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को अपने रूसी समकक्ष सर्गेई शोइगु के साथ टेलीफोन पर बातचीत की और उन्हें बताया कि संघर्ष में शामिल किसी भी पक्ष द्वारा परमाणु विकल्प का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए। फरवरी में यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद से मोदी ने पुतिन के साथ-साथ यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की से कई बार बात की है।  4 अक्टूबर को जेलेंस्की के साथ फोन पर बातचीत में मोदी ने कहा कि कहा था कि भारत किसी भी शांति प्रयासों में योगदान देने के लिए तैयार है। 16 सितंबर को उज़्बेक शहर समरकंद में पुतिन के साथ एक द्विपक्षीय बैठक में मोदी ने रूसी राष्ट्रपति से कहा कि "आज का युग युद्ध का नहीं है।"

भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की निंदा नहीं की है और यह सुनिश्चित करता रहा है कि कूटनीति और बातचीत के माध्यम से संकट का समाधान किया जाना चाहिए। मास्को ने युद्ध के लिए कीव यानी यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच रूस से भारत के कच्चे तेल का आयात अप्रैल के बाद से 50 गुना से अधिक बढ़ गया है। अब यह विदेशों से खरीदे गए सभी कच्चे तेल का 10 प्रतिशत है। 

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