
Russia Ukraine War: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने यूक्रेन को दी जा रही सैन्य मदद (US military aid to Ukraine) को रोक दिया है। पिछले दिनों व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskyy) के बीच तीखी बहस हुई थी। सैन्य सहायता रोककर ट्रंप यूक्रेन पर रूस के साथ शांति समझौता को लेकर बातचीत करने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
न्यूज एजेंसी एपी के अनुसार, व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि ट्रंप तीन साल से चल रहे रूस यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए शांति समझौते पर पहुंचने पर ध्यान लगा रहे हैं। वह चाहते हैं कि जेलेंस्की भी इसके लिए साथ आएं।
व्हाइट हाउस के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह रोक उन सभी सैन्य उपकरणों पर लागू होगी जो अभी यूक्रेन के अंदर नहीं हैं। पिछले सप्ताह ट्रंप के साथ जेलेंस्की ने खराब व्यवहार किया है, जिसके चलते यह पाबंदी लगी है। अगर जेलेंस्की यूक्रेन में चल रही लड़ाई के खत्म करने के लिए बातचीत के लिए नई कमिटमेंट दिखाते हैं तो पाबंदी हटाई जा सकती है।
अमेरिका ने यूक्रेन में मौजूद अपने हथियारों के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाई है। इसका मतलब है कि यूक्रेन के सैनिक इस समय अमेरिकी हथियारों का इस्तेमाल कर सकते हैं। ट्रंप सरकार ने यूक्रेन को हथियारों की नई खेप भेजने पर रोक लगाई है। इसके चलते उसे एंटी टैंक मिसाइल, टैंकों के गोले और रॉकेट समेत दूसरे गोला-बारूद व हथियार नहीं मिलेंगे।
जेलेंस्की पिछले सप्ताह अमेरिका गए थे। उम्मीद की जा रही थी कि वह खनिज सौदे पर साइन करेंगे। इससे यूएस को यूक्रेन के महत्वपूर्ण खनिजों तक पहुंच मिल जाती। ट्रंप और जेलेंस्की के बीच बहस के चलते कोई सौदा नहीं हो सका। जेलेंस्की रूस के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए दूसरे देशों से मिल रही मदद पर निर्भर हैं। यूक्रेनी सेना अमेरिका और यूरोप से मिले हथियारों से लड़ाई लड़ रही है। अमेरिकी सैन्य मदद रुकने से जल्द ही सेना को गोला-बारूद की कमी हो जाएगी।
यूरोप के देश यूक्रेन को सैन्य मदद दे रहे हैं, लेकिन क्या वे अमेरिकी मदद रोके जाने की भरपाई कर पाएंगे, इसको लेकर बड़े सवाल हैं। हथियारों की कमी हुई तो यूक्रेन की सेना अधिक समय तक रूस का सामना नहीं कर पाएगी। इससे जेलेंस्की पर इस्तीफा देने या फिर युद्ध विराम को लेकर बातचीत के लिए नरम रवैया अपनाने का दबाव बढ़ गया है।
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