
रूस न्यूज। रूसी सरकार ने बुधवार (1 मई) को नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले विदेशी नागरिकों के आवेदनों से जुड़े नियमों में बदलाव किए, जिसे इस्लाम धर्म मानने वाले महिलाओं को ढील देने की बात की गई है। नए रूल के मुताबिक अगले 5 मई से पासपोर्ट तस्वीरों में हेडस्कार्फ और हिजाब की अनुमति दी गई है। पहले रूस में विदेशी नागरिक खासकर मुस्लिम महिलाओं को बिना हिजाब के ही पासपोर्ट में फोटो रखने की अनुमति दी गई थी, जो अब बदल दिया जाएगा। वो अपने सर को इस तरह से ढक सकते हैं, जिससे उनका चेहरा दिख सके।
हालांकि, रूस ने नए नियमों में कहा है कि आवेदक की ठोड़ी पूरी तरह या आंशिक रूप से ढकी रहेगी तो पासपोर्ट में फोटो मान्य नहीं माना जाएगा। इससे पहले रूसी नागरिकों को पासपोर्ट आवेदन, ड्राइवर लाइसेंस, वर्क परमिट और पेटेंट के लिए हिजाब में तस्वीरों का इस्तेमाल करने की अनुमति पहले ही दी जा चुकी है। इस पहल का मकसद है, धार्मिक परंपराओं का पालन करने की अनुमति दी जा सके।
सोवियत काल के दौरान नियम अलग
सोवियत काल के दौरान पासपोर्ट तस्वीरें बिना हेडस्कार्फ या हिजाब के जमा की जाती थीं। हालांकि, 1991 में USSR के टूटने के बाद, मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब में तस्वीरों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, जब तक कि 1997 में इस प्रथा पर प्रतिबंध नहीं लगा दिया गया। बैन लगने के बाद 2003 में रूसी सुप्रीम कोर्ट द्वारा कानून को गैरकानूनी माना गया। 2021 के कानूनों के अनुसार, पासपोर्ट में एक संशोधन की जरूरत थी, जिसके बाद उन्हें 5 मई से तस्वीरें जमा करने की अनुमति देती है।
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