Russia Ukraine War: क्या विश्व का पेट भरने में भारत कर सकता है यूक्रेन की मदद?

यूक्रेन में चल रहे युद्ध ने वैश्विक खाद्य संकट पैदा कर दिया है। जानें कैसे भारत 'यूक्रेन से अनाज' पहल में मदद कर सकता है और दुनिया का पेट भर सकता है।

वर्ल्ड डेस्क। यूक्रेन की पहचान दुनिया के ब्रेड बास्केट की रही है, लेकिन 24 फरवरी 2022 को रूस के साथ शुरू हुई लड़ाई (Russia Ukraine War) ने सबकुछ बदल दिया। यूक्रेन अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहा है। रूस जैसी महाशक्ति से लड़ रहे यूक्रेन के लिए अनाज उत्पादन और निर्यात में भारी बाधाएं हैं। इसकी वजह से दुनिया को खाद्य संकट झेलना पड़ रहा है। अफ्रीका और पश्चिम एशिया में लाखों लोगों को भुखमरी का खतरा है।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन की यात्रा की है। इसके बाद से दुनिया भर में चल रहे खाद्य संकट के दूर होने को लेकर उम्मीद जगी है। उत्तरी अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया के विकासशील देश यूक्रेन से अनाज और खाद्य तेल आयात पर बहुत ज्यादा निर्भर थे।

Latest Videos

दुनिया का बड़ा अनाज उत्पादक देश है यूक्रेन

यूक्रेन दुनिया का बड़ा अनाज उत्पादक है। कम जनसंख्या के चलते यह अपनी उपज का अधिकतर हिस्सा निर्यात करता था। लड़ाई शुरू होने से पहले 2022 में यूक्रेन के कुल निर्यात में अनाज 41% था। यूक्रेन दुनिया के गेहूं उत्पादन का लगभग 10%, मक्का का 15%, जौ का 13% और सूरजमुखी तेल का 50% उत्पादन करता था। जंग ने यूक्रेन के कृषि क्षेत्र को तबाह कर दिया है।

विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार यूक्रेन के GDP में कृषि का हिस्सा 2021 की तुलना में 2022 में 39% घट गया। यूक्रेन ने 2021 में लगभग 12 बिलियन डॉलर का अनाज निर्यात किया था। लड़ाई से सिर्फ खेत और किसान ही तबाह नहीं हुए हैं। अनाज और दूसरे कृषि उत्पाद को निर्यात करना भी मुश्किल हो गया है। अनाज की कमी से अफ्रीका और एशिया के गरीब देशों के लोग भूखे नहीं मरें इसके लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने 'यूक्रेन से अनाज' पहल शुरू की थी।

क्या है 'यूक्रेन से अनाज' पहल?

वोलोडिमिर जेलेंस्की ने 26 नवंबर 2022 को होलोडोमोर की 90वीं वर्षगांठ पर यूक्रेन से अनाज' पहल शुरू की थी। होलोडोमोर नरसंहार में लाखों यूक्रेनी मारे गए थे। इस पहल के तहत यूक्रेन से खाद्यान्न इथियोपिया, सोमालिया, नाइजीरिया, केन्या, जिबूती, यमन, अफगानिस्तान और सूडान जैसे देशों को भेजा जा रहा है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन के सद्भावना राजदूत मानव सचदेवा ने बताया कि यूक्रेन के अनाज से गाजा के लोगों की भी भूख मिट रही है। रूस ने काला सागर में नाकाबंदी कर रखी है। इसके चलते यूक्रेन रोमानिया, पोलैंड और स्लोवाकिया जैसे पड़ोसी देशों में सड़क के रास्ते अनाज भेजता है। यहां से इसे दूसरे देशों तक समुद्री मार्ग से पहुंचाया जाता है।

दुनिया का पेट भरने में भारत कैसे कर सकता है यूक्रेन की मदद?

भारत खुद कृषि प्रधान और खाद्यान्नों का प्रमुख उत्पादक व निर्यातक है। भारत 'यूक्रेन से अनाज' प्रोग्राम को सपोर्ट कर वैश्विक खाद्य संकट को कम करने में बड़ी भूमिका निभा सकता है। सचदेवा के अनुसार, भारत प्रमुख विश्व शक्ति है। भारत की मदद से काला सागर के बंदरगाहों से भी अनाज को दुनियाभर में भेजा जा सकता है। भारत यूक्रेन के अनाज के लिए निर्यात का रास्ता दिला सकता है। अभी तक भारत यूक्रेन से अनाज पहल का हिस्सा नहीं है।

यह भी पढ़ें- भावुक कर देगा यह वीडियो: युद्ध में मारे गए बच्चों को पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

सचदेवा ने बताया कि भारत के कई पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार और दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देश भयंकर भुखमरी का सामना कर रहे हैं। भारत के बंदरगाह और रसद नेटवर्क यूक्रेन से निर्यात किए जा रहे अनाज के वितरण को कंट्रोल कर सकते हैं।

यह भी पढ़ें- 910 दिन से चल रही रूस-यूक्रेन जंग, क्या PM मोदी के यूक्रेन दौरे से रुकेगी?

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

Maharashtra Election 2024: 'कटेंगे-बटेंगे' के खिलाफ बीजेपी में ही उठने लगे सवाल। Pankaja Munde
UPPSC Student Protest: प्रयागराज में क्या है छात्रों की प्रमुख मांग, चौथे भी डटे हुए हैं अभ्यर्थी
'जब तक कलेक्टरनी की मेंहदी न उतार दूं...' नरेश मीणा का एक और वीडियो हुआ वायरल
SDM थप्पड़कांड के बाद हर तरफ बवाल, ठप हो गया राजस्थान और नरेश मीणा को घसीटते हुए ले गई पुलिस
वोटिंग के बीच नरेश मीणा ने SDM को ही मार दिया थप्पड़, जानें वायरल वीडियो का पूरा सच