Russia: जल्द ही र्कीतिमान रचेगा रूस! कैंसर की वैक्सीन बनाने के करीब पहुंचा देश, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दी जानकारी

पिछले साल यूके सरकार ने व्यक्तिगत कैंसर उपचार प्रदान करने के लिए जर्मनी स्थित बायोएनटेक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए था। इसका लक्ष्य 2030 तक 10,000 रोगियों का कैंसर का बेहतर इलाज किया जा सके।

sourav kumar | Published : Feb 15, 2024 6:27 AM IST / Updated: Feb 15 2024, 12:14 PM IST

रूस। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार (14 फरवरी) को कहा कि रूसी वैज्ञानिक कैंसर के लिए टीके बनाने के करीब हैं जो जल्द ही रोगियों के लिए उपलब्ध हो सकते हैं। पुतिन ने टेलीविजन में दी जानकारी में कहा कि "हम नई पीढ़ी के लिए तथाकथित कैंसर के टीके और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी दवाओं के निर्माण के बहुत करीब आ गए हैं"।

भविष्य की तकनीकों पर मॉस्को फोरम में बोलते हुए उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि जल्द ही इन्हें व्यक्तिगत चिकित्सा के तरीकों के रूप में प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जाएगा।" हालांकि, पुतिन ने यह नहीं बताया कि प्रस्तावित टीके किस प्रकार के कैंसर को लक्षित करेंगे और कैसे काम करेगा। आपको बता दें कि बीते कई सालों से दुनिया के कई देश और नामचीन दवा कंपनियां कैंसर के टीके पर काम कर रही हैं।

कैंसर को लेकर जारी है काम

पिछले साल यूके सरकार ने व्यक्तिगत कैंसर उपचार प्रदान करने  के लिए जर्मनी स्थित बायोएनटेक के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए था। इसका लक्ष्य 2030 तक 10,000 रोगियों का कैंसर का बेहतर इलाज किया जा सके। फार्मास्युटिकल कंपनियां मॉडर्ना और मर्क एंड कंपनी एक प्रायोगिक कैंसर वैक्सीन विकसित कर रही हैं, जिसमें एक मध्य-चरण के अध्ययन से पता चला है कि मेलेनोमा - सबसे घातक त्वचा कैंसर से पुनरावृत्ति या मृत्यु की संभावना तीन साल के उपचार के बाद आधी हो जाएगी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन का आंकड़ा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्तमान में ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के खिलाफ छह लाइसेंस प्राप्त टीके हैं, जो सर्वाइकल कैंसर सहित कई कैंसर में इस्तेमाल किए जाते हैं। इसके साथ ही हेपेटाइटिस बी (HBV) के खिलाफ भी टीके हैं, जो लिवर कैंसर को रोकने का काम करते हैं। कोरोना वायरस महामारी के दौरान रूस ने कोविड-19 के खिलाफ अपना स्वयं का स्पुतनिक वी वैक्सीन विकसित किया और इसे कई देशों को बेचा, हालांकि घरेलू स्तर पर इसे टीकाकरण के प्रति व्यापक सार्वजनिक अनिच्छा के खिलाफ खड़ा होना पड़ा।

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