
S Jaishankar criticizes US tariffs: अमेरिका के जरिए भारत पर जिस तरह से "अनुचित और अतार्किक" टैरिफ लगाया जा रहा है उसको लेकर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जमकर निशाना साधा है। एस जयशंकर ने कहा कि भारत की प्राथमिकता किसानों और छोटे उत्पादकों की रक्षा करना है, और नई दिल्ली उनके हितों से समझौता नहीं करेगी। भारत की ओर से उन्होंने अमेरिका को कड़ा संदेश देने का काम किया है। उन्होंने ये साफ कर दिया है कि अमेरिका के आगे भारत किसी भी हाल में नहीं झुकने वाला है।
एस जयशंकर ने अपनी बात रखते हुए कहा, "हमारी चिंता यह है कि लाल रेखा मुख्य रूप से हमारे किसानों और कुछ हद तक हमारे छोटे उत्पादकों के हित हैं। इसलिए जब लोग कहते हैं कि हम सफल हुए हैं या असफल हुए हैं, तो हम एक सरकार के रूप में अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस पर दृढ़ हैं। यह ऐसी चीज नहीं है जिस पर हम समझौता कर सकें।," एस जयशंकर ने इस बात को भी रखा कि टैरिफ मुद्दे को गलत तरीके से तेल विवाद के रूप में पेश किया जा रहा है। अपनी बात में उन्होंने कहा,"दूसरा मुद्दा यह है कि इसे एक तेल मुद्दे के रूप में पेश किया जा रहा है। लेकिन मैं 'पेश किया जा रहा है' क्यों कह रहा हूँ, क्योंकि भारत को निशाना बनाने के लिए जो तर्क दिए गए हैं, वे सबसे बड़े तेल आयातक, जो चीन है, और सबसे बड़े एलएनजी आयातक, जो यूरोपीय देश हैं, पर लागू नहीं किए गए हैं।," इसके अलावा उन्होंने हुए कहा कि भारत से रिफाइंड ऑयल या उत्पाद खरीदना किसी की मजबूरी नहीं है। उन्होंने साफ कहा कि यदि किसी को भारत से तेल या पेट्रोलियम उत्पाद खरीदने में दिक्कत है तो वह न खरीदे।
एस जयशंकर ने इस बात का भी जिक्र किया कि यूरोप रूस के साथ भारत के मुकाबले ज्यादा व्यापार करता है। अपनी बात में उन्होंने कहा"और जब लोग कहते हैं कि हम युद्ध को फंड कर रहे हैं और पैसा लगा रहे हैं, तो रूस-यूरोपीय व्यापार भारत-रूस व्यापार से बड़ा है। तो यूरोपीय पैसा खजाने में नहीं डाल रहा है? कुल मिलाकर रूस-यूरोपीय संघ का व्यापार रूस-भारत व्यापार से बड़ा है। अगर तर्क ऊर्जा का है, तो वे (यूरोपीय संघ) बड़े खरीदार हैं। अगर तर्क यह है कि कौन बड़ा व्यापारी है, तो वे हमसे बड़े हैं। रूस को भारत का निर्यात बढ़ा है, लेकिन इतना नहीं।" ने आगे कहा कि भारत को अपने राष्ट्रीय हित में फैसले लेने का पूरा अधिकार है। "हम अपने राष्ट्रीय हित में जो फैसले लेते हैं, वह हमारा अधिकार है। और मैं कहूंगा कि यही रणनीतिक स्वायत्तता है," उन्होंने कहा।
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