उत्तर, मध्य और पश्चिम अफ्रीका में 9 मिलियन वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा क्षेत्र में फैले सहारा रेगिस्तान को ग्लोबल वार्मिंग के कारण विपरीत परिस्थितियों का सामना कर रहा है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र में भविष्य में अत्यधिक बारिश और तूफ़ान आ सकते हैं।