
वाशिंगटन। व्हाइट हाउस के पास बुधवार देर रात हुई गोलीबारी ने पूरे अमेरिका को हिला दिया। वेस्ट वर्जीनिया नेशनल गार्ड की 23 वर्षीय मेंबर सारा बेकस्ट्रॉम को सिर और सीने में गोली लगी थी। गुरुवार को US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने आधिकारिक तौर पर उनके निधन की घोषणा की। यह घटना न सिर्फ दुखद है, बल्कि कई सवाल भी खड़े करती है-क्या यह एक प्लान्ड अटैक था? क्या हमलावर किसी खास निशाने की तलाश में था? और क्यों दो युवा गार्ड्स को ही टारगेट किया गया?
सारा बेकस्ट्रॉम, जिन्होंने जून 2023 में अपनी सर्विस शुरू की थी, ड्यूटी के दौरान हमेशा अपनी लगन और साहस के लिए जानी जाती थीं। शूटिंग वाली रात भी वह अपनी इच्छा से थैंक्सगिविंग पर ड्यूटी करने आई थीं ताकि बाकी लोग अपने परिवारों के साथ समय बिता सकें।
अधिकारियों के मुताबिक 29 वर्षीय रहमानुल्लाह लकनवाल उसी जगह छिपा बैठा था और मौके की तलाश में था। कहा जा रहा है कि उसने .357 स्मिथ एंड वेसन रिवॉल्वर से गोलियां चलाईं। लेकिन बड़ा सवाल यह है- क्या वह जान-बूझकर नेशनल गार्ड के मेंबर्स को ही निशाना बना रहा था? जांच एजेंसियाँ इस मामले को संभावित आतंकी हमले के तौर पर भी देख रही हैं। इससे रहस्य और गहरा हो जाता है।
शूटिंग उस समय हुई जब सारा बेकस्ट्रॉम और उनके साथी गार्ड एंड्रयू वोल्फ फर्रागुट वेस्ट मेट्रो स्टेशन के पास मौजूद थे। तभी, अधिकारियों के मुताबिक, आरोपी रहमानुल्लाह लकनवाल अचानक सामने आया और उसने .357 स्मिथ एंड वेसन रिवॉल्वर से गोली चलाना शुरू कर दिया। गोली सीधे सारा के सीने और सिर में लगी। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी हालत लगातार बिगड़ती गई।
थैंक्सगिविंग पर सर्विस मेंबर्स को संबोधित करते समय ट्रंप की आवाज भारी हो गई। उन्होंने कहा कि “सारा एक शानदार इंसान थीं। युवा थीं, सम्मानित थीं…और अब हमारे साथ नहीं हैं। यह अभी-अभी हुआ है। उन पर बहुत बुरा हमला हुआ।” उनके इस बयान ने देशभर में शोक और चिंता दोनों को बढ़ा दिया।
सारा के पिता गैरी बेकस्ट्रॉम ने अस्पताल में बेटी का हाथ पकड़े हुए कहा कि “उसे जानलेवा चोट लगी है। वह ठीक नहीं होगी।” यह बयान घटना की भयावहता और परिवार के दर्द को साफ दिखाता है।
रहमानुल्लाह लकनवाल की पृष्ठभूमि अपने आप में रहस्य से भरी लगती है।
लेकिन पुलिस का कहना है कि वह उस जगह पर घंटों से इंतजार कर रहा था, मानो किसी खास पल का इंतजार कर रहा हो। यही बात जांचकर्ताओं को इसे संभावित आतंकवादी हमला मानने के लिए मजबूर कर रही है।
सारा के साथ मौजूद 24 वर्षीय गार्ड एंड्रयू वोल्फ को भी कई गोलियां लगीं। उनकी सर्जरी हुई है और डॉक्टर उन्हें लगातार मॉनिटर कर रहे हैं।
सबसे भावुक बात यह है कि सारा ने यह ड्यूटी खुद की इच्छा से ली थी, ताकि बाकी गार्ड अपने परिवार के साथ त्योहार मना सकें। यह उनका अंतिम त्याग साबित हुआ। जांच एजेंसियां कई एंगल से इस घटना को देख रही हैं। हकीकत क्या है, यह आने वाले दिनों में पता चलेगा। लेकिन सारा बेकस्ट्रॉम की मौत ने अमेरिका को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि देश की सुरक्षा के बीच भी ऐसे हमले कैसे हो सकते हैं।
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