SCO समिट में मोदी-पुतिन की कार डिप्लोमेसी: 10 मिनट इंतजार और 45 मिनट तक सीक्रेट बात

Published : Sep 01, 2025, 04:10 PM IST
PM Modi Putin car ride Tianjin

सार

PM Modi Putin SCO Summit 2025: एससीओ समिट में एक अनोखा पल देखने को मिला जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम नरेंद्र मोदी का 10 मिनट इंतजार किया और फिर दोनों नेता एक ही कार में बैठकर 45 मिनट तक बातचीत करते रहे।  

Modi Putin Meeting in SCO: चीन के तियानजिन में हुए SCO समिट 2025 के दौरान एक अनोखा नजारा देखने को मिला। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न सिर्फ मंच शेयर किया बल्कि अपने बिलैटरल मीटिंग के लिए एक ही गाड़ी में साथ सफर भी किया। यह नजारा सिर्फ दोस्ती के रिश्तों का प्रतीक नहीं था, बल्कि मौजूदा जियोपॉलिटिकल हालात में एक बड़ा मैसेज भी माना जा रहा है। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी के साथ एक ही कार में सफर करने के लिए पुतिन ने 10 मिनट का इंतजार किया और वेन्यू पर पहुंचने के बाद भी काफी देर तक कार में ही बातचीत करते रहे।

पीएम मोदी से पुतिन ने क्या बातें की?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रपति पुतिन ने करीब 10 मिनट पीएम मोदी का इंतजार किया, ताकि वे उनके साथ ही कार में बैठकर रिट्ज-कार्लटन होटल जा सकें, जहां दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक हुई। खास बात यह कि वे मीटिंग वेन्यू पहुंचने के बाद भी 45 मिनट तक कार में बातचीत करते रहे। एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह इसलिए भी अहम हो जाता है, क्योंकि जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में भारत पर रूस से तेल आयात करने को लेकर 50% तक टैरिफ लगाए हैं।

अमेरिका की नाराजगी और भारत का स्टैंड

अमेरिका का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर पुतिन की यूक्रेन वॉर मशीन को फंड कर रहा है। भारत का जवाब भी आया, जिसमें कहा गया, नेशनल इंटरेस्ट के हिसाब से ही एनर्जी इंपोर्ट पॉलिसी बनेगी। नई दिल्ली ने अमेरिकी टैरिफ को 'अनफेयर, अनजस्टिफाइड और अनरीजनेबल' बताया। बता दें कि भारत-रूस के रिश्ते दुनिया में सबसे स्टेबल पार्टनरशिप में गिने जाते हैं। 2022 से अब तक भारत, रूस का सबसे बड़ा ऑयल बायर बनकर उभरा है।

रुपया-रूबल ट्रेड: डॉलर पर निर्भरता घटाने की कोशिश

भारत और रूस अब रुपया-रूबल ट्रेड मैकेनिज्म को सरल बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसका मकसद है डॉलर पर डिपेंडेंसी कम करना, बदलते ग्लोबल फाइनेंशियल हालात से बचाव, स्ट्रैटेजिक रिलेशनशिप को और मजबूत करना है। समिट में रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने भारत और चीन की यूक्रेन पीस एफर्ट्स की सराहना की। यह बयान दिखाता है कि अब वेस्टर्न नेशंस के मुकाबले एशियन पावर्स भी ग्लोबल कॉन्फ्लिक्ट रिजोल्यूशन में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

SCO समिट में क्या खास रहा?

इस समिट में मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग की हंसी-मजाक वाली तस्वीरों ने दुनियाभर का ध्यान खींचा। एक पल ऐसा भी आया जब मोदी-पुतिन बातचीत करते हुए आगे निकल गए और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ़ अकेले खड़े नजर आए। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि, यह इमेजरी भी भारत-रूस-चीन की बदलती डायनैमिक्स और पाकिस्तान की डिप्लोमैटिक आइसोलेशन को दिखाती है।

 

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