
ढाका: हिंदुओं पर अत्याचार और अराजकता से सुर्खियों में रहे बांग्लादेश में दर्ज 3500 से ज़्यादा लोगों के अपहरण (बलपूर्वक गुमशुदगी) के मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भूमिका होने का आरोप, इस मामले की जाँच के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में लगाया है। हसीना के साथ, उनके रक्षा सलाहकार, रिटायर्ड मेजर जनरल अहमद सिद्दीकी सहित कई अन्य सरकारी अधिकारी भी इसमें शामिल पाए गए हैं, ऐसा बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है।
क्या है मामला?:
पिछली शेख हसीना सरकार के कार्यकाल में राजनीतिक विरोधियों, छात्र आंदोलनकारियों पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया था। हजारों लोगों को बलपूर्वक गायब कर, उन्हें अज्ञात स्थानों पर रखकर पूछताछ की गई थी, ऐसा गंभीर आरोप लगा था। इस पृष्ठभूमि में, वर्तमान अंतरिम सरकार ने इस मामले की जाँच के लिए एक समिति का गठन किया था। जाँच कर रही समिति ने कहा है, ‘अब तक 1676 लोगों के अपहरण के मामले में जाँच की गई है। अगले मार्च में इस बारे में अंतरिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी, जिसमें इसी तरह दर्ज 3500 से ज़्यादा मामलों की जानकारी दी जाएगी’।
साथ ही, समिति ने कहा है कि ‘इस तरह के बलपूर्वक गुमशुदगी के मामलों को बेहद सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जाता था। इसके सुराग न मिलें, इसके लिए पूरा सिस्टम बनाया गया था’। इसी दौरान, आतंकवाद के नाम पर पिछली सरकार द्वारा गठित रैपिड एक्शन बटालियन को भंग करने की भी समिति ने सिफारिश की है। इस बल पर बड़े पैमाने पर मानव अधिकारों का हनन करने का आरोप समिति ने लगाया है।
यूनुस का स्वागत:
रिपोर्ट का स्वागत करते हुए, अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस ने समिति से कहा, ‘आप वास्तव में बहुत महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं। आपको हर तरह का आवश्यक सहयोग देने के लिए हम तैयार हैं’।
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