चीनी गुब्बारे से खौफ में US, 5 प्वाइंट्स में जानें इसे क्यों नहीं गिरा पा रहा वर्ल्ड का सबसे बड़ा सुपरपावर

वाशिंगटन। चीन का जासूसी गुब्बारा (Chinese spy balloon) अमेरिकी एयरस्पेस में उड़ रहा है और जानकारी जुटा रहा है। अमेरिका के लिए उसे मार गिराना आसान नहीं है। ऐसा करने पर जमीन पर मौजूद लोगों को खतरा हो सकता है।

 

Vivek Kumar | Published : Feb 4, 2023 2:39 AM IST / Updated: Feb 04 2023, 09:18 AM IST
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चीन का जासूसी गुब्बारा अमेरिका के आसमान में मंडरा रहा है। वह अमेरिका के सामरिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण ठिकानों की जानकारी जुटा रहा है। अमेरिकी सेना के मुख्यालय पेंटागन का कहना है कि वह कुछ और दिनों तक अमेरिका के ऊपर मंडरा सकता है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका चीनी गुब्बारे को क्यों नहीं गिरा रहा है। असल में यह काम अमेरिकी वायुसेना के लिए कठिन है। यूएस नेवी की पूर्व पायलट ब्रायन तन्नेहिल ने मीडिया से इस संबंध में बात की है।

प्वाइंट 1: ब्रायन तन्नेहिल ने बताया कि चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराना जितना आसान लगता है, उतना है नहीं। उसे नष्ट करना आसान काम नहीं है। इससे जमीन पर मौजूद लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। इतनी अधिक ऊंचाई पर उड़ रहे गुब्बारे को अमेरिका के पास मौजूद एयर डिफेंस सिस्टम से नीचे गिराना बहुत कठिन है। इसे अमेरिकी लड़ाकू विमान से गिराना भी आसान नहीं है। ऐसा करने पर जमीन पर मौजूद लोगों की जान खतरे में पड़ सकती है। 

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प्वाइंट 2: अमेरिका के आसमान पर जो चीनी गुब्बारा दिखा है वह एक लाख फीट से अधिक ऊंचाई तक पहुंच सकता है। हवा में मार करने वाले अमेरिका के अधिकतर हथियार इतनी ऊंचाई तक हमला करने के लिए डिजाइन नहीं किए गए हैं। अगर कोई लड़ाकू विमान अपने मशीनगन से गुब्बारे को नष्ट करना चाहे तो उसे इतनी अधिक ऊंचाई तक जाने के लिए संघर्ष करना होगा।

पेंटागन के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल पैट्रिक राइडर ने शुक्रवार को बताया था कि चीनी गुब्बारा करीब 60 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहा है। यह ऊंचाई अमेरिका के कुछ हथियार प्रणाली के रेंज में है, लेकिन उसकी भी अपनी चुनौतियां हैं। यहां तक जाने में कई अमेरिकी लड़ाकू विमानों को अपना पूरा दम लगाना पड़ सकता है। 

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प्वाइंट 3: पांचवी पीढ़ी का स्टील्थ लड़ाकू विमान F-22 अमेरिका का सबसे ताकतवर फाइटर प्लेन है। चीनी गुब्बारा देखने के बाद इसे हवा में भेजा गया था। वायु सेना के अनुसार एफ-22 अधिकतम 50 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। इसे और अधिक ऊंचाई तक ले जाया जा सकता है, लेकिन ऐसा करने पर विमान को उसकी पूरी क्षमता तक धकेलना होगा। तन्नेहिल ने कहा कि F-22 लेम्बोर्गिनी कार की तरह है। आप अपनी लेम्बोर्गिनी कार को ऑफ रोडिंग के लिए नहीं ले जाते हैं, क्योंकि यह इसके लिए नहीं बना है। 

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प्वाइंट 4: तन्नेहिल ने बताया कि अमेरिका के अधिकतर हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल इतनी अधिक ऊंचाई पर मार करने के लिए डिजाइन नहीं किए गए हैं। मिसाइलों के फिन्स, विंग और टेल की सीमाएं हैं। अधिक ऊंचाई पर इनका प्रभाव कम हो जाता है। कम ऊंचाई पर ये अच्छी तरह काम करते हैं।

जमीन से हवा और हवा से हवा में मार करने वाले मिसाइल गुब्बारे जैसे टारगेट के खिलाफ हमला करने के लिए डिजाइन नहीं किए गए हैं। इन मिसाइलों को विमान और मिसाइल जैसे टारगेट के लिए बनाया गया है। बैलून को ये अपने टारगेट के रूप में नहीं देखते हैं। 

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प्वाइंट 5: गुब्बारा क्रूज मिसाइल की तरह हवा में मूव नहीं करता है। मिसाइलों को यह बादल या काफ (chaff) की तरह लगता है। आधुनिक मिसाइल काफ को अनदेखा करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। काफ विमान द्वारा मिसाइल हमले से बचने के लिए छोड़े जाते हैं। 

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F-22 जैसे लड़ाकू विमान के M61 गैटलिंग गन से मिसाइल को नष्ट किया जाता है या मिसाइलों से उसे निशाना बनाया जाता है तो जमीन पर मौजूद लोगों के मलबे की चपेट में आकर घायल होने या मारे जाने का जोखिम है। 

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अगर F-22 के M61 गैटलिंग गन से गुब्बारे पर फायरिंग की जाती है तो गोलियां कई किलोमीटर इलाके में गिरेंगी। अगर मिसाइल का इस्तेमाल किया जाएगा तब भी जमीन पर मौजूद लोगों की जान खतरे में होगी।

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