South Korea में सदियों से चली आ रही dog meat खाने की परंपरा पर बैन लगाया जा सकता है। ह्यूमन सोसाइटी ने पिछले साल एक सर्वे कराया था। इसमें 84% लोगों ने इस पर सहमति जताई थी। अब राष्ट्रपति मून जे-इन (Moon Jae in) बैन को लेकर विचार कर रहे हैं।
सियोल(Seoul). दक्षिण कोरिया (South Korea) में dog meat खाने की सदियों से चली आ रही परंपरा पर बैन लगाया जा सकता है। पिछले साल ह्यूमन सोसाइटी ने एक सर्वे कराया था। इसमें 84% लोगों ने कुत्ते का मांस नहीं खाने को लेकर प्रॉमिस किया था। अब राष्ट्रपति मून जे-इन (Moon Jae-in) ने इस विवादास्पद परंपरा पर प्रतिबंध लगाने के संकेत दिए हैं। दक्षिण कोरिया में हर साल 10 लाख कुत्तों को खाने के लिए मारा जाता है।
लंबे समय से होता आ रहा है विरोध
राष्ट्रपति मून जे-इन (Moon Jae-in) के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि मून जे-इन चाहते हैं कि अब इस परंपरा पर बैन लगाने का समय आ गया है। कुत्तों के मांस को लेकर यहां लंबे समय से विरोध प्रदर्शन होते आ रहे हैं। बता दें कि इस देश में कुत्तों का मांस खाने का बड़ा चलन है। लोगों को इनका मांस बड़ा पसंद है, लेकिन अब लोग इससे दूर हट रहे हैं। हालांकि अब युवा पीढ़ी इसका विरोध करने लगी है। ह्यूमन सोसाइटी के सर्वे में 60% ऐसे लोग भी निकले, जो चाहते हैं कि इसे हमेशा के लिए बंद किया जाना चाहिए।
राष्ट्रपति को कुत्तों से विशेष लगाव है
प्रधानमंत्री किम बू-क्यूम (Kim Boo-kyum) के साथ राष्ट्रपति मून जे-इन ने एक साप्ताहिक कॉल के दौरान दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। दोनों का मानना है कि अब इस परंपरा को बंद किया जाना चाहिए। दोनों नेताओं ने इस संबंध में क्या फैसला किया, अभी इसका खुलासा नहीं हो सका है। लेकिन संकेत अच्छे हैं। राष्ट्रपति मून को कुत्तों से बेहद लगाव है। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में भी कई कुत्ते पाले हुए हैं। इनमें एक कुत्ता 'टोरी' भी शामिल है, जिसे राष्ट्रपति ने खुद रेस्क्यू किया था।
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पशु संरक्षण कानून होने के बावजूद मारे जाते हैं कुत्ते
दक्षिण कोरिया में कुत्तों और बिल्लियों के क्रूर वध को रोकने के लिए पशु संरक्षण कानून(animal protection law) है। लेकिन यह और बात है कि यह कानून रेस्तरां और प्रतिष्ठानों में मांस की खपत पर प्रतिबंध नहीं लगाता है। कोरियाई संस्कृति में माना जाता है कि कुत्ते के मांस में पौराणिक गुण होते हैं। यही वजह रही कि सरकार अब तक इस पर प्रतिबंध नहीं लगा पाई है।