
बीजिंग. चीन के विदेश मंत्रालय ने लद्दाख में हिंसक झड़प को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। इस दौरान चीन ने भारत के गलवान घाटी को अपना हिस्सा बताया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन, ने कहा, गलवान घाटी हमेशा चीन की संप्रभुता का हिस्सा रहा है। भारतीय सीमा पर तैनात जवान हमारी आपसी सहमति से बनाए गए बॉर्डर संबंधित प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, हम भारत से कहते हैं कि वे अपने सैनिकों को अनुशासित करने, उत्तेजक गतिविधियों को रोकने और चीन के साथ बातचीत से मतभेदों को सुलझाने के सही रास्ते पर वापस आएं।
झड़प के लिए चीन तैयार नहीं
विदेश मंत्रालय ने कहा, डिप्लोमेटिक और सैन्य माध्यमों से दोनों देशों की बात हुई है। हमने साफ कर दिया है कि क्या सही है या क्या गलत। एलएसी में चीन की सीमा में यह हिंसक झड़प हुई है। इसके लिए चीन जिम्मेदार नहीं है। हम ऐसी और कोई हिंसक झड़प भविष्य में नहीं चाहते।
दोनों देशों के साझा हित विवादों से बड़े हैं- चीन
झाओ लिजियन ने कहा, इस घटना के बाद चीन और भारत दोनों ने कहा है कि हम बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने और बॉर्डर के इलाके में शांति स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील देशों और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के साझे हित विवाद से कहीं बड़े हैं।
हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद, चीन के 35 हताहत
भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव अपने चरम पर है। 15 जून की रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में दोनों ओर नुकसान पहुंचा गया है। बताया जा रहा है कि इस झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए, जबकि चीन के 35 सैनिकों को नुकसान पहुंचा है। इनमें से कुछ मारे गए हैं, कुछ गंभीर रूप से घायल हुए हैं। भारतीय अफसरों ने अमेरिकी इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के हवाले से यह जानकारी दी।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।