श्रीलंका में बाढ़ और लैंडस्लाइड से 56 लोगों की मौत, सरकारी ऑफिस और स्कूल-कालेज सब बंद

Published : Nov 28, 2025, 10:29 AM IST
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सार

श्रीलंका में भारी बारिश से बाढ़ और लैंडस्लाइड का कहर, 56 लोगों की मौत और 600 से अधिक घर तबाह। सरकार ने सुरक्षा को देखते हुए सभी सरकारी ऑफिस और स्कूल बंद किए। कई सड़कें, रेल मार्ग और इलाके पानी में डूबे, बचाव अभियान जारी। 

कोलंबो। श्रीलंका इस समय बेहद गंभीर मौसमीय संकट से गुजर रहा है। लगातार कई दिनों से हो रही भारी बारिश ने पूरे देश की रफ्तार थाम दी है। लेकिन पिछले 48 घंटों में जो देखा, उसने साबित कर दिया कि प्रकृति का कहर किसी भी तैयारी से बड़ा होता है। अचानक आई भारी बारिश ने बाढ़ और लैंडस्लाइड की ऐसी श्रृंखला शुरू की जिसने देखते ही देखते पूरे देश को संकट में डाल दिया। घर बह गए, सड़कें टूट गईं और कई इलाके पूरी तरह पानी में डूब गए। पहाड़ी इलाकों में मिट्टी के भूस्खलन ने कई परिवारों को हमेशा के लिए उजाड़ दिया। अब तक 56 लोगों की मौत हो चुकी है और 600 से ज़्यादा घर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। सरकारी सिस्टम को इतना बड़ा झटका लगा कि अधिकारियों ने तुरंत ही स्कूल और सरकारी ऑफिस बंद करने का आदेश दे दिया।

श्रीलंका में क्यों बंद करने पड़े सरकारी ऑफिस और स्कूल?

श्रीलंका इस समय अपने सबसे गंभीर मौसम संकट से गुजर रहा है। पिछले एक सप्ताह से लगातार हो रही भारी बारिश ने देश के कई हिस्सों में तबाही मचा दी है। गुरुवार की दोपहर से बारिश ने और जोर पकड़ लिया, जिसके बाद बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं तेजी से बढ़ने लगीं।

 

 

56 लोगों की मौत, 600 से अधिक घर तबाह

डिज़ास्टर मैनेजमेंट सेंटर के अनुसार, अब तक 56 लोगों की जान जा चुकी है। सबसे ज्यादा नुकसान पहाड़ी चाय बागान वाले इलाकों बडुल्ला और नुवारा एलिया में हुआ, जहां एक ही दिन में 25 से अधिक लोगों की मौत लैंडस्लाइड में हो गई। इन इलाकों में 21 लोग अभी भी लापता हैं, जबकि 14 घायल हैं। देश के अन्य हिस्सों में भी अलग-अलग लैंडस्लाइड में मौतें दर्ज की गई हैं।

सरकारी आदेश: तुरंत बंद किए गए सभी कार्यालय और स्कूल

हालात बिगड़ते देख सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया। सभी सरकारी ऑफिस और स्कूलों को बंद कर दिया गया, ताकि लोगों की आवाजाही रोकी जा सके और उन्हें सुरक्षा में रखा जा सके।

 

 

सड़कें टूटीं, नदियां उफान पर, रेल सेवा प्रभावित

भारी बारिश के कारण कई बड़ी नदियां और तालाब ओवरफ्लो हो गए हैं। इसके कारण:

  • कई सड़कें पानी में डूब गई हैं
  • पहाड़ियों से पत्थर और मिट्टी गिरने से रास्ते ब्लॉक हैं
  • रेलवे ट्रैक पर मलबा आने से ट्रेनों को रोकना पड़ा
  • कई इलाकों में लोगों को बाहर निकालने के लिए नेवी और पुलिस नावों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
  • एक वीडियो में एयर फ़ोर्स का हेलीकॉप्टर एक घर की छत पर फंसे तीन लोगों को बचाते दिखा।

अम्पारा में कार बह गई, तीन लोगों की मौत

पूर्वी शहर अम्पारा के पास बाढ़ के बढ़ते पानी में एक कार तेज़ बहाव में फंस गई और देखते ही देखते नदी जैसी बनी सड़क में बह गई। इस हादसे में तीन यात्रियों की मौत हो गई। यह घटना साफ दिखाती है कि बाढ़ कितनी खतरनाक हो चुकी है।

क्या आने वाले दिनों में और बढ़ेगा खतरा?

  • मौसम विभाग के अनुसार, बारिश का सिलसिला अभी रुकने की संभावना नहीं है।
  • अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और चेतावनियों का पालन करें।

क्या भारी बारिश ने पूरे देश को ठप कर दिया है?

हां। लगातार बारिश के कारण कई तालाब और नदियाँ ओवरफ्लो हो गई हैं। इसके चलते:

  • कई सड़कों पर पानी भर गया
  • पहाड़ी रास्तों पर पत्थर और मिट्टी गिरने से ट्रैफिक रुक गया
  • रेलवे ट्रैक पर मलबा आने से पैसेंजर ट्रेनें रोक दी गईं

कई इलाकों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए नेवी और पुलिस को नावों का सहारा लेना पड़ा। सरकार का कहना है कि मौसम और बिगड़ सकता है, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।

क्या बचाव कार्य अभी भी जारी है?

हां, बचाव कार्य युद्ध-स्तर पर चल रहे हैं। लोकल टीवी चैनलों पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एयर फोर्स का हेलीकॉप्टर बाढ़ में घिरे एक घर की छत पर फंसे तीन लोगों को बचाता दिख रहा है। नेवी और पुलिस ने नावों के जरिए दर्जनों लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुँचाया है।

क्या खतरा अभी टला है?

मौसम विभाग का कहना है कि बारिश और जारी रह सकती है। इसका मतलब है कि:

  • बाढ़ का स्तर बढ़ सकता है।
  • भूस्खलन की घटनाएँ दोबारा हो सकती हैं।
  • बचाव और राहत कार्यों पर और दबाव बढ़ेगा।
  • सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और चेतावनियों को गंभीरता से लें।

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