श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद ने लोकसभा चुनावों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वहां चुनाव का समय है, इसलिए कच्चाथीवू के बारे में दावों और प्रतिदावों का ऐसा शोर सुनना कोई असामान्य बात नहीं है।
कच्चाथीवू द्वीप। कच्चाथीवू द्वीप को लेकर भारतीय राजनेताओं के बयानों के बाद श्रीलंका ने आखिरकार चुप्पी तोड़ी है। हाल ही में श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद ने कच्चाथीवू द्वीप के बारे में भारत के दावों को लेकर कहा कि इस दोबारा हासिल करने को लेकर दिए गए बयानों को कोई आधार नहीं है। उनकी ये टिप्पणी आगामी 19 अप्रैल से शुरू होने वाले आम चुनावों से पहले भारत में चल रहे राजनीतिक विवाद के बीच में आई है। बता दें कि बीजेपी अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पर कच्चाथीवू को श्रीलंका को 'सौंपने' का आरोप लगाया था।
श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद ने लोकसभा चुनावों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि वहां चुनाव का समय है, इसलिए कच्चाथीवू के बारे में दावों और प्रतिदावों का ऐसा शोर सुनना कोई असामान्य बात नहीं है। श्रीलंका से कच्चाथीवू को वापस लेने के बयानों का कोई आधार नहीं है। हालांकि, भारत कच्चाथीवू सुरक्षित करना चाहती है ताकि श्रीलंका के मछुआरों की इस क्षेत्र तक पहुंच न हो। इसके अलावा भारत ये भी सुनिश्चित करना चाहता है कि श्रीलंका संसाधनपूर्ण क्षेत्र में किसी भी अधिकार का दावा न करें।
डगलस देवानंद ने वेस्ट बैंक के बारे में की बात
डगलस देवानंद ने वेस्ट बैंक के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि वेस्ट बैंक कच्चाथीवू से भी बड़ा क्षेत्र है। ये कन्याकुमारी के नीचे स्थित है। ये व्यापक समुद्री संसाधनों वाला एक बहुत बड़ा क्षेत्र है। यह कच्चाथीवू से 80 गुना बड़ा है। भारत ने इसे 1976 के समीक्षा समझौते में हासिल किया था। कन्याकुमारी तमिलनाडु में है, जो दक्षिणी भारत का एक राज्य है। तमिलनाडु में कांग्रेस की सहयोगी डीएमके का शासन है।
बीजेपी ने द्रमुक पर भी कच्चाथीवू को लेकर संवेदनहीन होने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में डीएमके और द्रमुक ने नरेंद्र मोदी सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया और पूछा कि 10 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद वह इस मामले पर चुप क्यों रहें।
ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने भारत की अखंडता को अनेक बार किया खंड-खंड, श्रीलंका को क्यों दिया कच्चाथीवू: विहिप