श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने E-mail से भेजा इस्तीफा, जाने सिंगापुर ने क्यों नहीं दिया शरण

श्रीलंका में भारी विरोध के चलते देश छोड़ने को मजबूर हुए राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राजपक्षे को सिंगापुर ने शरण देने से मना करते हुए बयान जारी कर उनको शरण न देने की बात कही है।
 

Dheerendra Gopal | Published : Jul 14, 2022 1:00 PM IST / Updated: Jul 14 2022, 07:41 PM IST

Sri Lanka economic crisis श्रीलंका के हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है। राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे देश छोड़ चुके हैं। श्रीलंका के किसी गुप्त स्थान पर रहने के बाद मालदीव व फिर सिंगापुर में शरण ली है। हालांकि, सिंगापुर ने यह साफ किया है कि गोटाबया राजपक्षे को सिंगापुर सरकार ने शरण नहीं दी है, वह अपनी प्राइवेट यात्रा पर यहां पहुंचे हैं। दरअसल, गोटाबया राजपक्षे देश में भारी आर्थिक संकट की वजह से हो रहे बड़े पैमाने पर विरोध से बचने के लिए देश छोड़े हैं। लोगों ने राजपक्षे परिवार के प्रति भारी आक्रोश है। सिंगापुर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने ईमेल से अपना इस्तीफा संसद अध्यक्ष को भेज दिया है।

सिंगापुर ने कहा-कोई शरण नहीं दी गई

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सिंगापुर के विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा गया है कि श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे को निजी यात्रा पर सिंगापुर में प्रवेश की अनुमति दी गई है।उन्होंने शरण नहीं मांगी है और न ही उन्हें कोई शरण दी गई है। सिंगापुर आमतौर पर शरण के लिए कोई अनुरोध स्वीकार नहीं करता है। 

राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने पद छोड़ने से किया था इनकार लेकिन अब दिया इस्तीफा

दरअसल, राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे, देश के हालात बद्तर होने और जनता के सड़कों पर उग्र प्रदर्शन को देखते हुए पद छोड़ने का ऐलान किया था। राजपक्षे ने कहा था कि बुधवार को अपना इस्तीफा सौंप देंगे। उधर, संसद में भी राष्ट्रपति राजपक्षे के इस्तीफे के बाद की तैयारियां शुरू हो चुकी थी। नए राष्ट्रपति के चुनाव के साथ ही देश में सर्वदलीय सरकार की भी सहमति बन चुकी थी। लेकिन बुधवार को इस्तीफा की बजाय राष्ट्रपति अपनी पत्नी और दो बॉडीगार्ड के साथ मालदीव भाग गए थे। हालांकि, गुरुवार को सिंगापुर पहुंचने के बाद राष्ट्रपति राजपक्षे ने अपना इस्तीफा संसद अध्यक्ष को ईमेल कर दिया है। 

रानिल विक्रमसिंघे कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त लेकिन विपक्ष ने किया अस्वीकार

उधर, राष्ट्रपति गोटाबया के विदेश भागने के बाद संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त कर दिया गया है। लेकिन विपक्ष ने कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में रानिल विक्रमसिंघे को अस्वीकार कर दिया है। विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा ने कहा कि सरकार पूरी तरह अराजकता वाले काम कर रही है। 

सिंगापुर से सऊदी अरब जा सकते हैं गोटाबया

देश छोड़ने के बाद गोटाबया राजपक्षे अपने प्राइवेट जेट से मालदीव पहुंचे। यहां से वह सिंगापुर के लिए रवाना हुए। हालांकि, सिंगापुर सरकार के साफ करने के बाद कि गोटाबया प्राइवेट विजिट पर हैं न कि उनको शरण दिया गया है, माना जा रहा है कि वह सऊदी अरब जाएंगे। 

शुक्रवार से शुरू होगा संसद का सत्र 

संसद के स्पीकर यापा अभयवर्धने ने बताया कि राष्ट्रपति गोटाबया राजपक्षे ने कहा था कि वह बुधवार को आधी रात से पहले अपना इस्तीफा दे देंगे। हालांकि, गुरुवार को सिंगापुर से राष्ट्रपति ने अपना इस्तीफा ईमेल कर दिया है। कार्यवाहक राष्ट्रपति की नियुक्ति की गई है। अगर राष्ट्रपति इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें पद से हटाने के लिए कानूनी प्रावधानों पर भी विचार किया जा रहा है। नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए शुक्रवार से संसद का सत्र शुरू होने वाला है। 

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