महंगाई से पस्त श्रीलंका में वॉट्सऐप, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म ब्लॉक, इमरजेंसी बाद भी प्रदर्शन जारी

श्रीलंका में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के खिलाफ देश एकजुट हो रहा है। नागरिक राष्ट्रपति राजपक्षे को हटाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। एक अप्रैल 2022 से इमरजेंसी घोषित करने के बाद भी लोग प्रदर्शन के लिए निकले, ऐसे में सरकार ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बंद कर दिए हैं।  

Vikash Shukla | Published : Apr 3, 2022 3:30 AM IST / Updated: Apr 03 2022, 09:01 AM IST

नई दिल्ली। महंगाई से पस्त श्रीलंका लगातार नागरिकों के प्रदर्शन झेल रहा है। जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। यह देशव्यापी न हों, इसके लिए राजपक्षे सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ब्लॉक कर दिए हैं। दरअसल, सरकार को रिपोर्ट मिली थी कि कर्फ्यू लगाने के बाद भी पूरे देश में आर्थिक संकट को लेकर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू करने की योजना बन रही है। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने एक अप्रैल को एक आदेश जारी कर सभी के सार्वजनिक स्थलों पर आने-जाने पर रोक लगा दी थी। यह कर्फ्यू 36 घंटे के लिए लगाया गया है। श्रीलंका ने 1 अप्रैल से सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा की है।

हंगामा होते ही सोशल मीडिया पर बैन लगा देता है श्रीलंका 
श्रीलंका पहले भी अशांति या प्रदर्शन होने पर सोशल मीडिया पर सबसे पहले बैन लगाता है। यहां फेसबुक, मैसेंजर, ट्विटर, वॉट्सेएप, यूट्यूब, ट्विटर पेरिस्कोप, स्नैपचैट, गूगल वीडियो, टिकटॉक, वाइबर, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम सबसे पहले निशाने पर आते हैं। इस बार भी सरकार ने इन सारे प्लेटफॉर्म्स को बंद कर दिया है। यह देशभर में काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में कर्फ्यू के दौरान घरों में कैद लोग परेशान हैं और जानकारी भी शेयर नहीं कर पा रहे हैं। इस ब्लॉक की वजह से यूजर्स वीपीएन के जरिए इन प्लेटफॉर्म्स को एक्सेस करने को मजबूर हैं। 

Latest Videos

13 घंटे की बिजली कटौती, रसोई गैस की लंबी लाइन
श्रीलंकाई जनता देश में पहली बार आए इस तरह के सबसे बड़े आर्थिक संकट को लेकर सरकार से नाराज है। राष्ट्रपति राजपक्षे को हटाने की आवाज तेज हो रही है। लोग रसोई गैस की लंबी लाइनों में घंटों खड़े हो रहे हैं। तमाम इलाकों में बिजली गुल है। देशभर में तकरीबन 13 घंटे की बिजली कटौती प्रतिदिन हो रही है। विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी के चलते पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस जैसी रोजमर्रा की जरूरतों का सामान भी लोगों को नहीं मिल पा रहा। 

यह भी पढ़ें 22 करोड़ श्रीलंकाइयों का 'खून खौला' रहीं सोशल मीडिया पर वायरल ये तस्वीरें, सत्यानाश हुआ अच्छा-भला देश

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा- मानवाधिकारों का उल्लंघन नहीं हो 

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने श्रीलंकाई सरकार को चेतावनी दी है कि सार्वजनिक सुरक्षा के नाम पर द्वीपीय राष्ट्र में इमरजेंसी की घोषणा मानवाधिकारों के उल्लंघन का बहाना नहीं बनना चाहिए। उसने कहा कि आपातकाल की स्थिति घोषित करने का आदेश एसोसिएशन, असेंबली और आंदोलन की स्वतंत्रता के साथ-साथ उचित प्रक्रिया सुरक्षा के अधिकारों को प्रतिबंधित करने का इरादा रखता है। हालांकि शनिवार शाम छह बजे कर्फ्यू लागू होने के बाद भी पूरे द्वीप में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हो रहे थे।

यह भी पढ़ें महंगाई ने निकाला श्रीलंका का तेल, भारत ने भेज दिया 40 हजार टन डीजल से भरा जहाज, चावल की खेप भी हो रही लोड

Share this article
click me!

Latest Videos

Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी ने जम्मू, जम्मू-कश्मीर में जनता को संबोधित किया
दिल्ली में काम करने वालों को CM Atishi का बड़ा गिफ्ट, अब नहीं रहेगी कोई टेंशन । Delhi Salary
छतरपुर में क्लास में घुसा नॉटी मंकी, मचाता रहा उत्पात #Shorts
बदलापुर एनकाउंटर पर HC के 10 सवाल, फंस गई महाराष्ट्र पुलिस! । Badlapur Encounter
'लगता है कलयुग आ गया' आखिर क्यों हाईकोर्ट को कहनी पड़ गई ये बात । Allahabad Highcourt