
नई दिल्ली। सूडान में सेना और अर्थसैनिक बल के बीच लड़ाई (Sudan Crisis) चल रही है। इसके चलते करीब 3 हजार भारतीय सूडान में फंस गए थे। इन्हें सुरक्षित लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी (Operation Kaveri Sudan) चलाया जा रहा है। इसके तहत भारतीयों के पहले जत्थे को लेकर भारतीय नौ सेना का युद्धपोत आईएनएस सुमेधा (INS Sumedha) जेद्दाह पहुंचा। जेद्दाह से इन्हें भारतीय वायु सेना के विमान से भारत लाया जाएगा।
भारत के विदेश मंत्रालय ने यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आईएनएस सुमेधा पर सवार भारतीयों की तस्वीरें ट्वीट कीं। उन्होंने बताया कि 278 भारतीय जेद्दाह पोर्ट पर आईएनएस सुमेधा में सवार हुए हैं। सूडान से निकाले गए भारतीयों के समूह में बच्चे भी शामिल हैं।
भारत ने जेद्दाह एयरपोर्ट पर दो ट्रांसपोर्ट विमान तैयार रखे हैं। सूडान का एयर स्पेस विदेशी विमानों के लिए बंद है। इसके चलते आईएनएस सुमेधा से भारतीयों को सूडान से पहले जेद्दाह लाया जा रहा है। यहां से उन्हें भारत लाया जाएगा। सूडान पोर्ट पर 500 भारतीय मौजूद हैं।
सूडान में सुरक्षा की स्थिति है गंभीर
सूडान में सुरक्षा की स्थिति गंभीर बनी हुई है। राजधानी खार्तूम में कई स्थानों से भीषण लड़ाई की खबरें आईं हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान संकट पर बीते शुक्रवार को हाई लेवल बैठक की थी। उन्होंने अधिकारियों से कहा था कि सूडान से भारतीयों को निकालने के लिए योजना तैयार करें।
सूडान में संघर्ष विराम समझौते के बाद भी हुई गोलीबारी
अधिक स्थायी युद्धविराम पर बातचीत का रास्ता निकालने के लिए जनरलों के बीच 72 घंटों के लिए संघर्ष विराम का समझौता हुआ था। इसके बाद भी मंगलवार को खार्तूम के कुछ हिस्सों में छिटपुट गोलाबारी हुई। सूडान में दस दिनों से भारी लड़ाई हो रही है। लड़ाकू विमानों और तोपों का इस्तेमाल किया गया है। इसके चलते सैकड़ों लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में बहुत से आम नागरिक हैं। खार्तूम के कुछ इलाके खंडहर बन गए हैं। लड़ाई सूडान की सत्ता पर कब्जे के लिए हो रही है। सेना प्रमुख अब्देल फतह अल-बुरहान और अर्थसैनिक बल रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) के प्रमुख मोहम्मद हमदान डागलो के समर्थकों के बीच लड़ाई हो रही है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति, ग्लोबल इकोनॉमी, सुरक्षा मुद्दों, टेक प्रगति और विश्व घटनाओं की गहराई से कवरेज पढ़ें। वैश्विक संबंधों, अंतरराष्ट्रीय बाजार और बड़ी अंतरराष्ट्रीय बैठकों की ताज़ा रिपोर्ट्स के लिए World News in Hindi सेक्शन देखें — दुनिया की हर बड़ी खबर, सबसे पहले और सही तरीके से, सिर्फ Asianet News Hindi पर।