
रेलवे ट्रैक के बीच की खाली जगह का इस्तेमाल करके सोलर पैनल लगाकर स्वच्छ ऊर्जा बनाने की तैयारी में है स्विट्जरलैंड रेलवे। स्विट्जरलैंड की एक सोलर टेक्नोलॉजी स्टार्टअप इस प्रयोग की अगुवाई कर रही है। 6.04 करोड़ रुपये (585,000 स्विस फ्रैंक) के पायलट प्रोजेक्ट की योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत पश्चिमी स्विट्जरलैंड के छोटे से गांव ब्यूटस में रेलवे ट्रैक के 100 मीटर हिस्से पर 48 सोलर पैनल लगाए जा चुके हैं।
सोलर इंस्टॉलेशन कंपनी सन-वेज के संस्थापक जोसेफ स्कुडेरी इस आइडिया के पीछे हैं। 2020 में एक रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार करते समय उनके दिमाग में यह आइडिया आया। इसके बाद, सन-वेज ने जरूरी तकनीक विकसित की और फेडरल ऑफिस ऑफ ट्रांसपोर्ट से मंजूरी हासिल की। जोसेफ स्कुडेरी ने बताया कि जिस तरह घर की छत पर सोलर पैनल लगाए जाते हैं, उसी तरह रेलवे ट्रैक पर सोलर पैनल लगाए गए हैं।
शुरुआत में फेडरल ऑफिस ऑफ ट्रांसपोर्ट ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था क्योंकि उन्हें डर था कि सोलर पैनल ट्रेनों की सुरक्षा और मेंटेनेंस के काम में बाधा डालेंगे। लेकिन, सन-वेज ने एक स्टडी के जरिए साबित किया कि ट्रैक के बीच में लगाए जाने वाले खास सोलर पैनल रेल यातायात को प्रभावित नहीं करेंगे।
आमतौर पर सोलर पैनल एक जगह पर फिक्स कर दिए जाते हैं, लेकिन यहां सन-वेज ने ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे ट्रैक के मेंटेनेंस के लिए पैनल को जरूरत पड़ने पर हटाया जा सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, करीब 1,000 वर्ग मीटर के सोलर पैनल कुछ ही घंटों में लगाए और हटाए जा सकते हैं।
कंपनी का कहना है कि सोलर पैनल से बनने वाली बिजली का इस्तेमाल तीन तरीकों से किया जा सकता है। पहला, रेलवे के इन्फ्रास्ट्रक्चर (स्विच, सिग्नल, स्टेशन) को बिजली देना। दूसरा, इसे पास के लोकल ग्रिड (बिजली वितरण नेटवर्क) में भेजा जा सकता है। तीसरा और सबसे बड़ा फायदा, सन-वेज का दावा है, कि इस बिजली को ट्रैक्शन एनर्जी नेटवर्क में भेजा जा सकता है जो लोकोमोटिव को पावर देता है।
सन-वेज का कहना है कि करीब 5,320 किलोमीटर लंबे स्विस रेल नेटवर्क से हर साल एक अरब किलोवाट सौर ऊर्जा पैदा की जा सकती है, जो 3,00,000 घरों की बिजली की जरूरत पूरी करने के लिए काफी है। सन-वेज ने एक प्रेस रिलीज में कहा कि वो दक्षिण कोरिया, स्पेन और रोमानिया में इसी तरह के प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही है और चीन, अमेरिका जैसे देशों ने भी इसमें दिलचस्पी दिखाई है।
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