सीरिया: दमिश्क में घुसे विद्रोही, भाग निकले राष्ट्रपति असद, पीछे हटी सेना

Published : Dec 08, 2024, 08:49 AM ISTUpdated : Dec 08, 2024, 09:04 AM IST
Syrian rebel forces

सार

सीरिया में विद्रोहियों ने राजधानी दमिश्क में प्रवेश कर लिया है, जिससे वहाँ दहशत का माहौल है। राष्ट्रपति असद के भागने की खबरें आ रही हैं और सरकारी सेना पीछे हट रही है।

Syria Crisis: सीरिया में चल रहा गृहयुद्ध अपने निर्णायक दौर में पहुंच गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार विद्रोही राजधानी दमिश्क में घुस गए हैं। सीरिया की सरकारी सेना ने उनका मुकाबला नहीं किया है। जंग लड़ने के बदले सेना पीछे हट गई। राष्ट्रपति बशर अल-असद विमान में सवार होकर भाग निकले हैं।

सीरियाई सेना के अधिकारियों के अनुसार सत्ता पर अपनी पकड़ कमजोर पड़ने के कारण राष्ट्रपति बशर अल-असद शहर छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं। ब्रिटेन स्थित सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा कि सीरियाई सेना और सुरक्षा बल दमिश्क इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हट गए हैं।

दमिश्क में दहशत का माहौल, कई जगह हुई गोलीबारी

विद्रोहियों के आने से दमिश्क में दहशत का माहौल है। शहर में कई जगह गोलीबारी हुई है। सरकार के प्रति वफादार रहे लोग असद सरकार के गिरने की आशंका से भागने लगे हैं। विद्रोहियों ने घोषणा की कि वे दमिश्क के उत्तर में स्थित कुख्यात सैदनाया सैन्य जेल में घुस गए हैं। यहां रखे गए कैदियों को मुक्त कर दिया है।

जंग में हार होती देख पीछे हटी सरकारी सेना

बता दें कि पिछले कुछ दिनों में सीरिया में विद्रोहियों का अभियान तेज हुआ है। विद्रोहियों ने अलेप्पो और हामा जैसे प्रमुख शहरों पर चंद दिनों में कब्जा कर लिया था। लड़ाई में हार होती देख सरकारी सेना पीछे हटने लगी। कई शहरों को तो विद्रोहियों ने बिना एक भी गोली चलाए अपने कब्जे में ले लिया। कुछ जगह स्थानीय लोगों द्वारा विद्रोहियों का स्वागत किया गया।

शनिवार को विद्रोहियों ने कहा कि वे राजधानी दमिश्क को घेर रहे हैं। यहां 2000 से असद का शासन रहा है। शनिवार रात ही विद्रोहियों ने होम्स पर कब्जा कर लिया। यह एक रणनीतिक शहर है। इससे दमिश्क का संपर्क भूमध्यसागरीय तट से कट गया।

27 नवंबर को विद्रोहियों ने शुरू किया था आक्रमण

राष्ट्रपति असद की सरकार हटाने की मांग कर रहे सशस्त्र विपक्षी समूहों ने 27 नवंबर को सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो में आक्रमण शुरू किया था। इसके बाद विद्रोहियों ने हामा शहर पर कब्जा कर लिया। यहां सरकारी सैनिकों की ओर से बहुत कम प्रतिरोध किया गया।

विद्रोही गुटों का नेतृत्व इस्लामवादी समूह हयात तहरीर अल-शाम (HTS) कर रहा है। इसकी उत्पत्ति अल-कायदा से हुई है। इसे अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने आतंकवादी संगठन घोषित किया हुआ है। विद्रोहियों की तेज बढ़त और असद के पूर्व सहयोगियों से समर्थन की कमी ने लड़ाई की शुरुआत के बाद से असद के शासन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। राजधानी दमिश्क पर भी विद्रोहियों का कंट्रोल हो गया है।

सीरिया पर पांच दशकों से है असद परिवार का शासन

बता दें कि सीरिया पर असद परिवार का शासन पांच दशकों से अधिक समय से है। राष्ट्रपति बशर अल-असद ने अपने पिता हाफिज असद की मौत के बाद 2000 में सत्ता संभाली थी। असद ने अपने खिलाफ उठी आवाज दबाने के लिए ताकत का इस्तेमाल किया। उनके शासन में 3.50 लाख से अधिक विरोधियों की मौत हुई। विरोधियों को जेल में डाला गया। यहां तक कि विपक्ष के कब्जे वाले क्षेत्रों में प्रतिबंधित नर्व गैस का इस्तेमाल तक किया गया।

2011 में सीरिया में असद के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए थे। इसे रोकने के लिए असद ने कठोर कार्रवाई की। इससे गृहयुद्ध शुरू हो गया। 2015 तक विपक्षी समूहों और इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा कर लिया था। रूसी सैन्य हस्तक्षेप ने असद की सत्ता पर पकड़ को मजबूत किया था।

यह भी पढ़ें- सीरिया की जंग: क्या है विदेशी सेनाओं की भूमिका? तुर्की, रूस, US, कौन किसके साथ?

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