तालिबान के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि यूएन में काम करने वालीं अफगान महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने के उसके फैसले का सभी पक्षों द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए।
काबुल: तालिबान ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के लिए काम करने वाली अफगान महिलाओं पर प्रतिबंध लगाना एक आंतरिक मुद्दा है और सभी को इसका सम्मान करना चाहिए। तालिबान के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि अफगान महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का सभी पक्षों द्वारा सम्मान किया जाना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में गैर-सरकारी संगठनों के लिए काम करने वाली अफगान महिलाओं पर बैन लगाने के बाद तालिबान अधिकारियों को इस महीने की शुरुआत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाराजगी का समाना करना पड़ा था।
इससे पहले तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक बयान में कहा था कि इस्लामिक अमीरात संयुक्त राष्ट्र के लिए बाधाएं पैदा नहीं करना चाहता है। बल्कि यह स्पष्ट करना चाहता है कि यह अफगानिस्तान का आंतरिक मामला है जो किसी के लिए समस्या पैदा नहीं करता और सभी पक्षों को इसका सम्मान करना चाहिए।
नहीं हो रहा भेदभाव
उन्होंने कहा कि इस फैसले का यह मतलब नहीं है कि यहां भेदभाव हो रहा है या संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों को रोका जा रहा है। इसके विपरीत हम लोग अपने देश के सभी नागरिकों के धार्मिक एवं सांस्कृतिक हितों को ध्यान में रखते हुए उनके अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध हैं।
महिलाओं पर लगाए कई प्रतिबंध
बता दें कि तालिबान अधिकारियों ने 2021 में सत्ता पर कब्जा होने के बाद से अफगान महिलाओं पर कई प्रतिबंध लगाए हैं। बैन के तहत अफगान महिलाएं आब उच्च शिक् हासिल नहीं कर सकती हैं और न ही उनको सरकारी नौकरी मिलेगी। वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह इस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकता। यह गैरकानूनी और महिला अधिकारों का उल्लंघन है।
पिछले शासन की दिलाता है याद
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि महिलाओं पर बढ़ते प्रतिबंध 1996 और 2001 के बीच तालिबान की पहली सरकार की याद दिलाते हैं, जब लड़कियों और महिलाओं का मानवाधिकारों के उल्लंघन हुआ था।बता दें तालिबान के प्रतिबंध की घोषणा के बाद से संयुक्त राष्ट्र ने अपने सभी अफगान कर्मचारियों को अगली सूचना तक काम पर रिपोर्ट नहीं करने का आदेश दिया है।