तालिबान के सरगना मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंदजादा ने हसन के लिए यह निर्णय लिया है। मुल्ला हसन के लिए दो डिप्टी बनाया जा सकता है।
काबुल। तालिबान (taliban) की टॉप डिसीजन मेकिंग बॉडी रहबरी शूरा के चीफ रह चुके मुल्ला मोहम्मद हसन (Mullah Mohammad Hasan) को अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान सरकार का नेतृत्व सौंपा जा सकता है। तालिबान के सरगना मुल्ला हेबतुल्लाह अखुंदजादा ने हसन के लिए यह निर्णय लिया है। जबकि मुल्ला गनी बरादर व मुल्ला अबदस सलाम को मुल्ला हसन का डिप्टी बनाया जा सकता है।
कौन हैं मुल्ला हसन?
मुल्ला हसन तालिबान के रहबरी शूरा के मुखिया हैं। तालिबान की जन्मस्थली कंधार ही हसन की जन्मस्थली है। तालिबान के संस्थापक सदस्यों में रहे मुल्ला हसन को हेबतुल्लाह अखुंदजादा का करीबी माना जाता है। तालिबान की 1996 की पिछली सरकार में हसन विदेश मंत्री और डिप्टी प्राइम मिनिस्टर के पद पर थे।
मुल्ला उमर का बेटा संभालेगा रक्षा मंत्रालय
तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला याकूब नई सरकार में रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी संभालेगा। याकूब मुल्ला हेबतुल्ला का छात्र रहा है।
ग्लोबल आतंकवादी को तालिबान सरकार में होम मिनिस्ट्री
तालिबान की नई सरकार में वैश्विक आतंकवादी (Global Terrorist) घोषित हुआ सिराजुद्दीन हक्कानी को गृह मंत्री बनाया जा सकता है। सोवियत यूनियन (Soviet Union) के खिलाफ तालिबान की लड़ाई का नेतृत्व करने वाले जलालुद्दीन हक्कानी का बेटा है सिराजुद्दीन हक्कानी। उसे भी अमेरिका (USA) ने ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर रखा है। एफबीआई (FBI) की वेबसाइट के अनुसार अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सिराजुद्दीन हक्कानी पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का ईनाम रखा हुआ है।
अमेरिकी एजेंसियों के अनुसार वह पाकिस्तान में शरण लिए हुए है। हक्कानी का अलकायदा से भी सीधे संबंध है। काबुल के एक होटल में 2008 में हुए आतंकी हमले में सिराजुद्दीन हक्कानी वॉन्टेड रहा है। इस हमले में एक अमेरिकी नागरिक समेत 6 लोगों की मौत हो गई थी। इसके अलावा उसने अफगानिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या की साजिश भी रची थी। जबकि अमीर खान मुत्तकी को विदेश मंत्री बनाया जा सकता है।
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