
काबुल। अफगानिस्तान में लोग अपने अधिकारों को लेकर सड़कों पर है। महिला हो या पुरुष हर कोई शासन व्यवस्था से अधिकारों को बहाल रखने की मांग कर रहा है। यहां के लोग पाकिस्तान की खिलाफत भी कर रहे हैं। उधर, तालिबान को यह प्रदर्शन नागवार लग रहा है। वह क्रूर तरीके से आंदोलनों को दबाने में लगा हुआ है। प्रदर्शनकारियों को हथियारों-कोड़ों से पीटा जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने शांतिपूर्वक हो रहे प्रदर्शनों को क्रूरतापूर्वक दबाने की कोशिशों पर चिंता जताई है। यूएन के एक अधिकारी के अनुसार प्रदर्शन कर रहे लोगों की तालिबान द्वारा निर्मम पिटाई से चार लोगों की जान जा चुकी है।
संयुक्त राष्ट्र को भी धमकाया-डराया तालिबान ने
संयुक्त राष्ट्र की राजदूत देबोराह लेयॉन्स बताया कि तालिबानियों का व्यवहार बेहद खौफनाक है। अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारियों को धमकाया-डराया जा रहा है, उनका उत्पीड़न तालिबान कर रहे हैं। डरे सहमे कर्मचारी यहां ठीक से काम नहीं कर पा रहे हैं।
पूर्व उप राष्ट्रपति के महल पर तालिबान का डेरा
यहां के पूर्व उप राष्ट्रपति रहे अब्दुल राशिद दोस्तम के काबुल स्थित महल पर तालिबानियों ने कब्जा कर लिया है। यहां करीब डेढ़ सौ तालिबानी आलीशान महल की सुख-सुविधाओं का लुत्फ उठा रहे हैं। तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान की जनता का खून चूसकर दोस्तम ने यह महल बनाया है।
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