तालिबान ने दावा किया था कि उनके लड़ाके पंजशीर में घुस गए हैं। लेकिन पंजशीर के शेरों ने इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि तालिबान झूठ बोल रहा है।
काबुल. अफगानिस्तान में सिर्फ बंदूक-गोले-बारूद से नहीं बल्कि इंटरनेट के जरिए भी जंग लड़ी जा रही है। तालिबान के लिए पंजशीर अभी भी सिरदर्द बना हुआ है। वह पंजशीर को अपने कब्जे में करने के लिए लाख जतन कर रहा है, लेकिन सफल नहीं हो रहा है। अब तालिबान ने नया पैतरा चला है। तालिबान के खिलाफ जंग का आगाज करने वाले अमरुल्ला सालेह ट्वीट न कर सके, इसके लिए तालिबान ने पंजशीर में इंटरनेट बंद कर दिया है।
पूर्व उपराष्ट्रपति हैं अमरुल्ला सालेह
अमरुल्ला सालेह देश के पूर्व उपराष्ट्रपति है। उन्होंने तालिबान के खिलाफ जंग का ऐलान किया है। अभी वे पंजशीर में ही हैं। पंजशीर एकमात्र जगह है जो अभी तक तालिबान के कब्जे से बाहर है। कई तालिबान विरोधी पंजशीर में जमा हैं। अफगान विद्रोही कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद अभी पूर्व उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह के साथ पंजशीर घाटी में हैं।
क्या तालिबान लड़ाके पंजशीर में घुस गए हैं?
तालिबान ने दावा किया था कि उनके लड़ाके पंजशीर में घुस गए हैं। लेकिन पंजशीर के शेरों ने इसका खंडन किया है। उन्होंने कहा कि तालिबान झूठ बोल रहा है।
अमेरिका ने लिया काबुल ब्लास्ट का बदला?
अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमला किया, जिसमें इस्लामिक स्टेट के दो हाई-प्रोफाइल प्लानर को मौत के घात उतार दिया। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने काबुल ब्लास्ट के लिए जवाबी कार्रवाई का वादा किया था, जिसमें 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। हमला ईस्ट नंगरहार प्रांत काला-ए-नगरक 7वें जिले में आधी रात को हुआ।
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