- Home
- Fact Check News
- तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में हो रही महिलाओं की नीलामी, जानें क्या है वायरल तस्वीर का सच
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में हो रही महिलाओं की नीलामी, जानें क्या है वायरल तस्वीर का सच
नई दिल्ली. इन दिनों अफगानिस्तान में कुछ भी ठीक नहीं हो रहा है। आए दिन महिलाओं पर अत्याचार की खबरें आ रही हैं। तालिबान पर महिलाओं के साथ क्रूरता के आरोप लग रहे हैं। सोशल मीडिया पर कई वीडियो और फोटो वायरल हो रहे हैं। हालांकि कुछ तस्वीरे और वीडियो फेक भी हैं, जिन्हें गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। दो ऐसी ही तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनके साथ दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान में महिलाओं की नीलामी की जा रही है। जानें क्या है वायरल तस्वीर का सच...
- FB
- TW
- Linkdin
वायरल तस्वीर में क्या है?
दो तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनमें से एक में शोक मना रही महिलाएं दिख रही हैं। दूसरी में कुछ पुरुषों को दिखाया गया है जो इधर-उधर घूम रहे हैं और उनके हाथ में लड़की की तस्वीर है। दावा किया जा रहा है कि अफगानिस्तान की सड़कों पर महिलाओं की नीलामी की जा रही है।
वायरल तस्वीर का सच?
एक लाइन में जान लीजिए की वायरल तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा फेक है। फर्जी है। तस्वीर नीलामी के दौरान की नहीं है। अभी तक तालिबान के कब्जे के बाद महिलाओं की नीलामी की कोई खबर सामने नहीं है। तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह से फर्जी है।
तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज से सर्च करने पर पता चला कि पहली तस्वीर 2015 में फरखुंडा मलिकजादा के अंतिम संस्कार के दौरान की है, जिसे काबुल में कथित तौर पर कुरान जलाने पर भीड़ ने मार डाला था। दूसरी तस्वीर 9 साल पुरानी है। इसमें एक लड़के को दिखाया गया है, जिसे अफगानिस्तान में वेश्यावृत्ति के लिए इस्तेमाल किया गया था।
पहली तस्वीर साल 2015 की है। 22 मार्च 2015 को बीबीसी में एक रिपोर्ट पब्लिश की गई थी, जिसके मुताबिक, यह तस्वीर महिलाओं के अधिकारों और नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं फरखुंदा मलिकजादा के अंतिम संस्कार के दौरान की है। 27 साल की महिला के अंतिम संस्कार के लिए सैकड़ों लोग जमा हुए थे। ह्यूमन एक्टिविस्ट ने अफगानिस्तान में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे।
दूसरी तस्वीर अफगानिस्तान में नाबालिग लड़कों के साथ यौन उत्पीड़न की है। बचा बाजी अफगानिस्तान में सदियों पुरानी शोषण की प्रथा है, जहां लड़कों को सेक्स और मनोरंजन के लिए खरीदा जाता है। वे महिलाओं के कपड़े पहनते हैं और डांस करते हैं।
गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर सितंबर 2012 का एक लिंक मिला। फेसबुक पेज पर द फोटोग्राफर गिविंग बैक अवार्ड ने ये फोटो अपलोड की थी। जहां लिखा था कि ये फोटो स्वीडिश अखबार एक्सप्रेसन के मार्टिन वॉन क्रोग ने ली थी।
निष्कर्ष
वायरल तस्वीर और उसके साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल करने पर सच्चाई सामने आ गई। तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा पूरी तरह से गलत है। दोनों तस्वीरें अलग-अलग हैं। उनका अभी के तालिबान कब्जे से कोई लेना देना नहीं है।
ये भी पढ़ें...
1- आतंकियों से 173 कुत्ते-बिल्लियों को बचाने की कहानी, एयरपोर्ट पर पहुंचने से पहले 15 लोगों ने तानी गन
4- Afghanistan की एक तिहाई आबादी भूख से मर रही है, जानें कब्जे के बाद देश छोड़कर कहां-कहां भागे अफगानी