सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल की जा रही है, जिसमें EPFO से जुड़े नियमों को लेकर कुछ भ्रामक दावे किए गए हैं। पोस्ट में कहा गया है कि आप अपने पीएफ बैलेंस की 25% रकम रिटायर होने तक नहीं निकाल सकते। फैक्ट चेक में ये दावे मिसलीडिंग पाए गए हैं।
Fact Check: सोशल मीडिया पर आए दिन ऐसे मैसेज, पोस्ट या वीडियो वायरल किए जाते हैं, जो किसी प्रोपेगेंडा के तहत जानबूझकर देश की छवि कराब करने के मकसद से शेयर किए जाते हैं। कभी-कभी इन वायरल पोस्ट पर भरोसा कर लोग अपना पर्सनल नुकसान भी करा बैठते हैं। ऐसी ही एक पोस्ट इन दिनों वायरल की जा रही है, जिसमें EPFO के नियमों के बारे में कई भ्रामक दावे किए गए हैं।
वायरल पोस्ट में किस तरह के भ्रामक दावे?
@SaketGokhale नाम के X हैंडल से EPFO के नियमों में बदलाव को लेकर कई तरह के भ्रामक दावे किए गए हैं। बता दें कि ये एक्स हैंडल TMC के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद का है।
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दावा नंबर 1- आपके EPF बैलेंस की 25% रकम निकाली नहीं जा सकती और यह आपके पूरे करियर के दौरान, जब तक आप रिटायर नहीं हो जाते, लॉक-इन रहेगी।
क्या है सच्चाई- कुछ शर्तों के तहत पूरे PF बैलेंस (न्यूनतम 25% बैलेंस सहित) को विदड्रॉ करने की परमिश होती है। जैसे 55 साल की सेवा के बाद रिटायरमेंट, स्थायी दिव्यांगता, छंटनी, स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, या स्थायी रूप से भारत छोड़ना आदि। इसके अलावा 12 महीने की लगातार बेरोजगारी के बाद पूरे PF बैलेंस (न्यूनतम 25% बैलेंस सहित) को विदड्रॉ करने की अनुमति है।
दावा नंबर 2- ईपीएफ को अनिवार्य कर दिया गया है। मतलब सैलरीड पर्सन अब अपनी ही इनकम पर सरकार द्वारा की जाने वाली इस मासिक लूट से बच नहीं सकते।
क्या है सच्चाई- ईपीएफ और MP एक्ट 1952 हमेशा से उन सभी प्रतिष्ठानों के लिए अनिवार्य था, जहां 20 या उससे ज्यादा लोग काम करते हैं और जिनकी मंथली इनकम 15,000 रुपये से कम या उसके बराबर हो।
दावा नंबर 3- खराब आर्थिक नीतियों के कारण बेरोजगारी में भारी इजाफा हुआ है।
क्या है सच्चाई- बेरोजगारी में कोई वृद्धि नहीं हुई है। पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे (PLFS) की एनुअल रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में बेरोजगारी के आंकड़े 2017-18 के 6% की तुलना में घटकर 3.2% रह गए। नेट पेरोल डेटा के अनुसार, 2024-25 में पेरोल में 1.29 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी जुड़े। ईपीएफओ के पास करीब ₹28 लाख करोड़ का कोष है और इसने अपनी मजबूती, सुरक्षा और हाई रिटर्न (कई मामलों में टैक्स-फ्री) के चलते करोड़ों मेबर्स का भरोसा जीता है।
निष्कर्ष
वायरल पोस्ट में EPFO के नियमों को लेकर किए जा रहे दावे पूरी तरह भ्रामक हैं। इस तरह की किसी भी संदिग्ध पोस्ट पर भरोसा करने से पहले ऑथेंटिक सोर्स से सही जानकारी जुटाएं।
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