
Tasleema Nasreen on Palestine Supporters: फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास और इजराइल के बीच पिछले 9 दिन से युद्ध चल रहा है। इस जंग को लेकर दुनियाभर के तमाम देश दो धड़ों में बंट गए हैं। एक वो हैं, जो फिलिस्तीन का सपोर्ट कर रहे हैं, जबकि दूसरा धड़ा इजराइल के पक्ष में खड़ा दिख रहा है। इसी बीच, जानी-मानी लेखिका तस्लीमा नसरीन फिलिस्तीन का समर्थन करने वालों को नसीहत दी है।
तस्लीमा नसरीन ने PTI को दिए एक इंटरव्यू में कहा- बांग्लादेश और तमाम मुस्लिम देशों के नागरिक फिलीस्तीनियों पर हो रहे अत्याचार को लेकर बेहद गुस्से में हैं। कुछ तो उनकी मदद के लिए फिलिस्तीन भी जाना चाहते हैं। मैं कहना चाहूंगी कि जो लोग अल्पसंख्यक फिलिस्तीनियों की दुर्दशा से इतने दुखी हैं, उन्हें अपने ही देश में सताए जा रहे अल्पसंख्यकों को लेकर भी उतनी ही चिंता जतानी चाहिए।
तब क्यों नहीं पसीजता बांग्लादेशियों का दिल?
तस्लीमा नसरीन ने कहा- मैं व्यक्तिगत तौर पर पूरी दुनिया में कहीं भी किसी पर भी हो रहे अत्याचार की घोर निंदा करती हूं, लेकिन अगर बांग्लादेश के लोग फिलिस्तीन में हमलों और शरणार्थियों के बारे में इतने फिक्रमंद हैं, तो उनका दिल तब भी पसीजना चाहिए जब उनके ही देश में अल्पसंख्यकों पर हमले होते हैं। लोगों को पलायन के लिए मजबूर किया जाता है।
कौन हैं तस्लीमा नसरीन?
तस्लीमा नसरीन बांग्लादेश मूल की मशहूर लेखिका हैं। उनका जन्म 25 अगस्त, 1962 को बांग्लादेश में हुआ था। उन्होंने अपना करियर एक डॉक्टर के रूप में शुरू किया था लेकिन अब राइटर हैं। तस्लीमा ने अपनी बेबाक कलम से इस्लामी कट्टरता और आतंकवाद पर जमकर हमले किए, जिसके चलते उन्हें अपने ही देश से निर्वासित होकर भारत में शरण लेनी पड़ी। तस्लीमा नसरीन के मुताबिक, सबसे रूढ़िवादी इस्लामिक देश सऊदी अरब विकास की ओर बढ़ रहा है, जबकि बांग्लादेश इस्लामी और रूढ़िवादी बनता जा रहा है।
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