
टेल अवीव: ईरान और इज़राइल के बीच चल रहा युद्ध कई देशों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। दोनों ताकतवर देश लगातार हमले कर रहे हैं। पिछले एक हफ्ते से चल रहे इस युद्ध में भारी नुकसान हुआ है। इज़राइल ने अपने हवाई हमलों और मिसाइल हमलों में ईरान के सैन्य ठिकानों और परमाणु संयंत्रों को निशाना बनाया है। वहीं, ईरान इज़राइल के रिहायशी इलाकों, अस्पतालों और दफ्तरों पर हमले कर रहा है। अब ईरान के मिसाइल हमले में दक्षिणी इज़राइल के एक बड़े अस्पताल को नुकसान पहुँचा है। अस्पताल पर ईरान के मिसाइल गिरने से वहाँ भर्ती एक भारतीय मूल के व्यक्ति की मौत हो गई।
टेल अवीव के बिरशेबा स्थित सोरोका मेडिकल अस्पताल पर ईरान ने मिसाइल हमला किया। ईरान के कई इलाकों में मिसाइलें गिरीं, जिससे रिहायशी इलाकों में काफी नुकसान हुआ। लगातार बमबारी और मिसाइल हमलों के बीच दक्षिणी इज़राइल के इस अस्पताल में भर्ती तेलंगाना के जगतियाल जिले के रहने वाले रवींद्र की तबियत बिगड़ गई। बमबारी और मिसाइल हमले के डर से रवींद्र को दिल का दौरा पड़ा और उनकी मौत हो गई।
बमबारी से घबराए रवींद्र ने तेलंगाना में अपने परिवार को फोन किया था। उन्होंने अपनी पत्नी विजयलक्ष्मी को बताया कि लगातार हमले हो रहे हैं और इससे उनकी तबियत बिगड़ रही है। विजयलक्ष्मी ने उन्हें फोन पर ढाँढस बंधाया और जल्दी ठीक होकर घर लौटने को कहा। इस दौरान रवींद्र ने अपने बच्चों की देखभाल करने की बात कही।
पत्नी के समझाने के बावजूद रवींद्र अपने आस-पास हो रही बमबारी से डरे हुए थे। उन्हें अपनी पत्नी और बच्चों को दोबारा न देख पाने का डर सता रहा था। इसी चिंता और डर के बीच उन्हें दिल का दौरा पड़ा।
पत्नी ने पार्थिव शरीर लाने की लगाई गुहार
रवींद्र काम के सिलसिले में इज़राइल गए थे और बीमार होने पर अस्पताल में भर्ती थे। उनकी पत्नी ने बताया कि उनके पति परिवार के इकलौते कमाने वाले थे और अब उनके बच्चे अनाथ हो गए हैं। उन्होंने सरकार से अपने पति का पार्थिव शरीर भारत लाने में मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति खराब है, इसीलिए उनके पति काम की तलाश में इज़राइल गए थे।
बच्चों को नौकरी देने की अपील
रवींद्र की पत्नी विजयलक्ष्मी ने सरकार से अपने बच्चों को नौकरी देने की भी अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर उनके बच्चों को नौकरी नहीं मिली तो उनका परिवार बर्बाद हो जाएगा।
इज़राइल ने ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर हमला किया था। इसके जवाब में ईरान ने दक्षिणी इज़राइल के अस्पताल और टेल अवीव के आसपास के इलाकों को निशाना बनाया। खोंडाब गाँव के बाहर स्थित अराक भारी जल अनुसंधान रिएक्टर का काम 2000 के दशक में शुरू हुआ था, लेकिन ईरान और विश्व शक्तियों के बीच 2015 में रद्द हुए परमाणु समझौते के तहत इसे रोक दिया गया था।
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