पाकिस्तान में Terrorism : मासूमों को भी नहीं बख्श रहे इस्लामिक चरमपंथी, स्कूल वैन पर ताबड़तोड़ फायरिंग

यह हमला नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा गोली मारे जाने की 10वीं बरसी के एक दिन बाद हुआ है। हमले की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

Amitabh Budholiya | Published : Oct 11, 2022 1:59 AM IST / Updated: Oct 11 2022, 07:31 AM IST

इस्लामाबाद. स्वात के चार बाग इलाके में सोमवार को मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात लोगों ने एक स्कूल वैन पर ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस हमले में ड्राइवर की मौत हो गई और एक बच्चा घायल हो गया। स्वात जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) जाहिद मारवत ने हमले की पुष्टि करते हुए लोकल मीडिया को बताया कि यह घटना गुली बाग इलाके में नॉलेज सिटी स्कूल के बाहर हुई। उन्होंने बताया कि हमले के वक्त वाहन में 15 छात्र सवार थे। इस बीच स्वात प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने हमले के पीड़ितों के साथ एकजुटता दिखाते हुए मंगलवार को जिले के स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया है।

जानिए क्या है पूरा मामला?
पुलिस अधिकारी ने बताया कि शव और घायल छात्र को ख्वाजाखेला अस्पताल ले जाया गया है। बच्चा अब खतरे से बाहर है। हमले की सूचना के बाद पुलिस की एक टुकड़ी क्राइम सीन पर पहुंची। पुलिस एक सर्चिंग ऑपरेशन भी चला रही है। हालांकि बाद में DPO मारवत ने एक बयान में कहा कि घटना का टार्गेट स्कूल वैन का ड्राइवर था, न कि बच्चे।

यह हमला नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा गोली मारे जाने की 10वीं बरसी के एक दिन बाद हुआ है, मलाला तब एक स्कूली छात्रा थी। सोमवार के हमले की अभी तक किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है।

सरकार ने दिए जांच के आदेश
खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान( Khyber Pakhtunkhwa Chief Minister Mahmood Khan) ने हमले का संज्ञान लिया है और प्रांत के इंसपेक्टर जनरल(IG) को जांच रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया है। उन्होंने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।

एक ट्वीट में एमएनए(Members of the National Assembly) मोहसिन डावर ने कहा कि हमले को राज्य के लिए एक चेतावनी के रूप में काम करना चाहिए, जो एक बार फिर स्वात में अपना अधिकार खोता हुआ प्रतीत होता है।"

विधायक ने कहा कि स्वात के लोग आतंकवाद का विरोध करते रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज को नजरअंदाज किया जा रहा है। पश्तूनों को फिर से भेड़ियों(आतंकवाद) के हवाले किया जा रहा है।”

पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग ने भी ट्विटर पर साझा किए गए एक बयान में हमले की निंदा की। “स्वात के निवासियों को राज्य के रिट को लागू करने में विफल रहने के लिए सुरक्षा बलों को जिम्मेदार ठहराने का अधिकार है।

इसमें कहा गया है, "आतंकवादियों के बढ़ते विरोध और सुरक्षा की मांग को देखते हुए आतंकवादियों के खतरे को कम करके आंकना निंदनीय और अदूरदर्शी था।" यह कहते हुए कि अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और राज्य को चरमपंथियों को जगह देना बंद कर देना चाहिए।

सैकड़ों लोग सड़कों पर उतरे
घटना की सूचना के बाद स्वात में निजी स्कूलों के सैकड़ों छात्र और शिक्षक क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। मिंगोरा के निशात चौक पर इकट्ठा हुए प्रदर्शनकारियों ने शांति के संदेश वाले बैनर और तख्तियां लिए हुए थे। उन्होंने स्वात और मलकंद संभाग में शांति की मांग के नारे भी लगाए।

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि स्वात में कानून-व्यवस्था की स्थिति पिछले तीन महीनों से बिगड़ रही है। वे कहते सुने गए-हम जानते हैं कि वर्तमान नाटक के पीछे कौन है। हम जानते हैं कि सुरक्षा बल कुछ तथाकथित आतंकवादियों के खिलाफ क्यों बेबस हैं?

एक अन्य प्रदर्शनकारी जफर शिलामी ने कहा कि आतंकवादी किताबों, छात्रों और शिक्षकों के दुश्मन थे। शिलामी ने कसम खाई कि, लेकिन उन्हें याद रखना चाहिए कि शिक्षकों और छात्रों सहित स्वात के निवासियों को कभी भी वश में या डराया नहीं जाएगा।"

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