
इस्लामाबाद. विनाशकारी बाढ़(devastating floods) ने पाकिस्तान को श्रीलंका जैसे संकट में धकेल दिया है। बाढ़ ने फसलें बर्बाद कर दी हैं। इससे अर्थव्यवस्था की कमर टूटने लगी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) बढ़ती महंगाई के बीच पाकिस्तान में पहले ही विरोध और अस्थिरता की चेतावनी दे चुका है। खैर, इस संकट में पाकिस्तान को भारत की याद आ रही है। पहले बाघा बॉर्डर के रास्ते आलू-प्याज के आयात पर लगा बैन हटाने की कोशिशों के बाद अब टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज को बचाने भारत से कॉटन की उम्मीद कर रहा है। पढ़िए क्या है ये संकट...
पाकिस्तान में कपास की 25 प्रतिशत फसल बर्बाद
पाकिस्तान के कपास क्षेत्रों( cotton areas) में विनाशकारी मानसूनी बारिश के कारण पाकिस्तान टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन(Pakistan Textile Exporters Association) ने बढ़ते निर्यात आदेशों को पूरा करने के लिए वाघा बॉर्डर के रास्ते से भारत से कपास के आयात की अनुमति देने के लिए सरकार से संपर्क किया है। निर्यातकों(Exporters )का कहना है कि शुरुआती अनुमान बताते हैं कि कपास की खड़ी फसल का 25 फीसदी हिस्सा खराब हो गया है। इससे देश में कच्चे माल की कमी की आशंका है। सिंध और पंजाब में कपास की फसल को बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने सरकार ने बुधवार(7 सितंबर) को एक समिति बनाई है, जो बीज कंपनियों के साथ बातचीत करेगी और उन्हें स्थानीय बाजार में अत्याधुनिक कपास के बीज पेश करने की सुविधा देगी। समिति बनाने का निर्णय राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय(Ministry of National Food Security and Research) में हितधारकों(stakeholders ) के साथ विचार-विमर्श करने और कपास फसलों की उपज और क्षेत्र में वृद्धि के प्रस्तावों की समीक्षा करने के लिए एक बैठक के दौरान लिया गया।
भारत से कॉटन की 25 लाख गांठें मंगाने पर जोर
पाकिस्तान टेक्सटाइल एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (PTEA) के मुख्य संरक्षक खुर्रम मुख्तार ने स्थानीय मीडिया को बताया कि इस मामले को लेकर वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल से संपर्क किया गया है। कॉटन की डिमांड का एक्चुअल कैलकुलेशन 15 सितंबर के बाद होगा। मुख्तार ने कहा, "हमें भारत से 25 लाख गांठ आयात करने की आवश्यकता हो सकती है।" क्लिक करके पढ़ें-बाढ़ से हर जरूरी चीज महंगी
सब्जियां भी भारत से चाहता है पाकिस्तान
पिछले हफ्ते वित्त मंत्री मिफ्ता इस्माइल ने कहा था कि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से भारत से सब्जियों के आयात की अनुमति देने के विचार का समर्थन किया था। साथ ही अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने राहत कार्यों के हिस्से के रूप में भारत से खाद्य पदार्थों के आयात के लिए पाकिस्तान से संपर्क किया था। हालांकि मंत्री ने कहा कि इस संबंध में फैसला गठबंधन सहयोगियों से विचार-विमर्श के बाद लिया जाएगा। बता दें कि विनाशकारी बाढ़ ने आधे से अधिक पाकिस्तान को डुबा दिया है। भविष्य में खतरा और बढ़ा है। इकोनॉमी प्रभावित होगी, फसलें नष्ट होने से महंगाई बढ़ेगी और बेरोजगारी बढ़ने से अराजकता का माहौल बन सकता है। क्लिक करके पढ़ें-हे राम! विनाशकारी बाढ़ ने डुबोई पाकिस्तान की इकोनॉमी
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