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मस्जिदों से ऐलान के बाद भी घरों से नहीं निकले लोग,तो डंडा उठा बाढ़ में कूद पड़ी सुपर वुमेन-'बाहर निकलो वर्ना'

इस्लामाबाद. दुनिया के 5वें सबसे अधिक आबादी वाले देश(5th most populated nation in the world) पाकिस्तान को बाढ़ ने बर्बादी की ओर धकेल दिया है। करीब आधा पाकिस्तान सामान्य से अधिक बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़(devastating floods) का सामना कर रहा है। बाढ़ से 33 मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं और 458 बच्चों सहित कम से कम 1,314 लोग मारे गए हैं। इस बीच आरोप लग रहे हैं कि सरकार और प्रशासन से जितनी उम्मीद है, वो उस स्तर पर मदद नहीं कर रहा है। यह अलग बात है कि यहां कुछ ऐसे भी अफसर हैं, जो बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं। यह तस्वीर खैबर पख्तूनख्वा प्रांत(Khyber Pakhtunkhwa province) के नौशेरा(Nowshera) की एडिशनल डिप्टी कमिश्नर(ADC) कु़रतुलैन वज़ीर की है।  कु़रतुलै को इनकी कार्यशैली के चलते सुपर वुमेन(Super Woman) और आयरन लेडी(Iron Lady) जैसे खिताब से नवाजा जा चुका है। पढ़िए कैसे कर रही हैं मदद...

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Amitabh Budholiya
Published : Sep 07 2022, 07:46 AM IST| Updated : Sep 07 2022, 07:56 AM IST
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पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ ने कई लोगों को विस्थापित किया है। बाढ़ ने उनके घरों और फसलों को बहा दिया है। पाकिस्तान के इतिहास में प्राकृतिक आपदा ने पहली बार ऐसा घातक रास्ता( deadly track) छोड़ा है। ऐसे कठिन समय में लोगों की मदद के लिए क़ुरतुलैन वज़ीर ने अपनी जान जोखिम में डाल दी।

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क़ुरतुलैन वज़ीर के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। लोगों ने इस कठिन समय के दौरान उनके साहस और प्रयासों की प्रशंसा की है।

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सैकड़ों लोगों की जान बचाने वालीं एडीसी वज़ीर ने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल को बताया कि बाढ़ की चेतावनी के बावजूद लोग अपने घर छोड़ने से हिचक रहे थे। शायद उन्हें अपना घरबार छोड़ना मंजूर नहीं था, चाहे मर ही क्यों न जाएं। इसके बाद उन्होंने इस मामले को अपने हाथों में लेने का फैसला किया।
 

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वज़ीर ने बताया कि सबसे पहले उन्होंने एक मस्जिद से ऐलान कराया कि लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगह पर चले जाए, लेकिन लोगों ने उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। इसके बाद वज़ीर ने घरों का दौरा करने का फैसला किया। उन्होंने एक छड़ी उठाई, क्योंकि घुटने तक पानी होने से चल पाना सरल नहीं था। लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के प्रयास में आखिरी बार उनका दरवाजा खटखटाकर चेतावनी दी। उन्होंने लोगों से कहा-"मैं अंदर आऊंगी, तो पुलिस की मदद से जबरदस्ती बाहर निकालूंगी।" इसके बाद लोग घर छोड़ने का तैयार हुए।

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ADC कु़रतुलैन वज़ीर तीन बच्चों की मां हैं। उनके पति पाकिस्तानी सेना में मेजर हैं। वज़ीर ने कहा कि जब उन्होंने इस फील्ड को चुनने का फैसला किया, तो उन्हें अपने परिवार से किसी भी आपत्ति का सामना नहीं करना पड़ा।

यह भी पढ़ें-हे राम! विनाशकारी बाढ़ ने डुबोई पाकिस्तान की इकोनॉमी, सोशल मीडिया पर वायरल हुआ एक इमोशनल वीडियो

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ADC कु़रतुलैन वज़ीर ने महिलाएं से सिविल सेवाओं में शामिल होने का आग्रह करते हुए कहा कि वे आमतौर पर मीडिया और जनता के संपर्क में आने के कारण इस क्षेत्र में काम करना नहीं चुनती हैं। वज़ीर ने महिलाओं को इस क्षेत्र में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करते हुए कहा, "इस क्षेत्र में हमारे पास खुद को साबित करने के लिए बहुत सारे अवसर हैं।"

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ADC कु़रतुलैन वज़ीर मीलों पैदल बाढ़ग्रस्त इलाके में घूमीं, ताकि लोगों को बाहर निकाला जा सके। लोग घर छोड़ना ही नहीं चाहते थे।

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ADC कु़रतुलैन वज़ीर लगातार बाढ़ग्रस्त इलाके में सक्रिय हैं, ताकि इस प्राकृतिक आपदा में किसी की जान न जाए।

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ADC कु़रतुलैन वज़ीर की कार्यशैली पाकिस्तान में चर्चा का विषय रहती है। उनका मानना है कि यह उनकी ड्यूटी है,जिसे निभा रही हैं।

About the Author

AB
Amitabh Budholiya
बीएससी (बायोलॉजी), पोस्ट ग्रेजुएशन हिंदी साहित्य, बीजेएमसी (जर्नलिज्म)। करीब 25 साल का लेखन और पत्रकारिता में अनुभव। एशियानेट हिंदी में जून, 2019 से कार्यरत। दैनिक भास्कर और उसके पहले दैनिक जागरण और अन्य अखबारों में सेवाएं। 5 किताबें प्रकाशित की हैं

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